Apr 01 2016 07:01 AM
नई दिल्ली: आपने कई बार रेल्वे स्टेशन में पानी की फिजूल खर्ची होते देखी होगी. रेल प्रशासन ट्रेनों तथा पटरियों की सफाई करने के लिए भी बहुत सारा भूजल का उपयोग करता हैं जो गैरकानूनी हैं क्यूंकि रेल प्रशासन नें भूजल के उपयोग के लिए इजाजत नही ली हैं.
रेल प्रशासन की इस लापरवाही को रोकने के लिए राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (एनजीटी) नें रेल्वे को नोटिस भेजा हैं तथा 2 सप्ताह के अन्दर रेल्वे से जवाब मांगा हैं. एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ नें रेल मंत्रालय को नोटिस जारी किया हैं. जो बिना इजाजत भूजल के उपयोग से संबंधित हैं.
गौरतलब हैं की रेल्वे के खिलाफ ये याचिका सोसायटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ एन्वायरमेंट एंड बायोडायवर्सिटी नामक एनजीओ और गाजियाबाद निवासी सुशील राघव नें दायर की हैं. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि रेल प्रशासन द्वारा भूजल का अंधाधुंध उपयोग किया जा रहा हैं. जिस रोका जाना बहुत जरूरी हैं. याचिका में वकील अंतिम ए बजाज नें रेल्वे को 16 जोन के 73 डिविजनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली स्थापित करने के लिए निर्देश देने की बात बात कही हैं.
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