भ्रामक विज्ञापनों के लिए पतंजलि आयुर्वेद और हिंदुस्तान यूनिलीवर को मिली फटकार
भ्रामक विज्ञापनों के लिए पतंजलि आयुर्वेद और हिंदुस्तान यूनिलीवर को मिली फटकार
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नई दिल्ली: भ्रामक विज्ञापनों के जरिए अपने उत्पाद की बिक्री बढ़ाने वाली देश की कई कम्पनियों को भारतीय मानक परिषद ने फटकार लगाते हुए उनकी खिंचाई की है. परिषद ने यह कार्यवाही मई माह में मिली 155 शिकायतों में से 109 मामलों के सही पाए जाने के बाद की है. इन कम्पनियों बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद और हिंदुस्तान यूनिलीवर भी शामिल है.

मानक परिषद के एक बयान के अनुसार भ्रामक विज्ञापन अभियान चलाने के लिए पंतजलि आयुर्वेद, एचयूएल, पेप्सीको, ब्रिटानिया, पिजा हट, अमेजन, एलजी इलेक्ट्रोनिक्स, वोल्टास, एक्सिस बैंक, एयरएशिया, फिलपकार्ट के अलावा पेप्सीको इंडिया की उसके विज्ञापन हर बोतल पर पेटीएम केश पक्का के लिए खिंचाई की है..परिषद के अनुसार मई में उसे 155 शिकायतें मिली जिनमें से उसने 109 मामलों को सही पाया.

परिषद ने योग गुरू रामदेव द्वारा प्रवर्तित पंतजलि आयुर्वेद के जीरा बिस्कुट, कच्ची घानी सरसों तेल, केश कांति व दंतकांति सहित अन्य उत्पादों के खिलाफ विभिन्न शिकायतों को सही पाया है. इससे पहले मार्च पर अप्रैल में भी परिषद ने पतंजलि के खिलाफ छह मामलों को सही पाया था. पतंजलि आयुर्वेद दंत कांति, केशकांति जैसे अपने उत्पादों के विज्ञापनों के दावों को नियामक के समक्ष साबित नहीं कर सकी. नियामक ने इन विज्ञापनों को भ्रामक माना है.

इस सम्बन्ध में एचयूएल तथा पेप्सी को भेजे गए सवालों का जवाब नहीं आया. हालांकि पतंजलि आयुर्वेद ने फैसले पारित किए जाने के तरीकों पर सवाल उठाया है और आरोप लगाया है कि इस कदम के पीछे कुछ प्रतिस्पर्धी बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) का हाथ है. कंपनी प्रवक्ता ने कहा कि वे इस मामले में कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं क्योंकि गैर-सदस्यों के खिलाफ कोई आदेश नहीं पारित कर सकते. उनके (एएससीआई) के खिलाफ कई फैसले हैं. इसके फैसले किसी गैर सदस्य पर बाध्यकारी नहीं होते.

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