नई दिल्ली : राजनीति ऐसा खेल है, जिसमें कोई नियम नही है। जब जिसका पलड़ा भारी हो सभी उधर ही झुक जाते है। लालू यादव के साले और सांसद पप्पू यादव ने बिहार चुनाव के बाद गिरगिट से भी जल्दी रंग बदला है। उन्होने फेसबुक पर लालू यादव से माफी मांगी है। बता दें कि पप्पू यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर लालू यादव के दोनो बेटे चुनाव जीत गए तो मैं राजनीति छोड़ दूँगा।
माफी मांगते हुए पप्पू यादव ने पोस्ट किया है कि "भूल को स्वीकारा जाना चाहिए। वैसे भी जाने-अनजाने में की गई गलतियां ज्ञात होने पर मुझे कचोटती है। स्वीकारोक्ति तक मन को शांति नहीं मिलती। चुनाव प्रचार के दरम्यान दावे-प्रतिदावे किये जाते हैं। यह सच है कि मैंने चुनाव में लालू प्रसाद जी के दोनों पुत्रों के हार की बातें कही थीं। नहीं हारने की स्थिति में हमने राजनीतिक संन्यास तक की बातें कह दी थी। निश्चित तौर पर मेरा यह दावा अमर्यादित था। किसी भी राजनेता पुत्र के संबंध में ऐसी बातें मुझे नहीं करनी चाहिए थी। अपने अमर्यादित दावे को लेकर मैं आहत हूं और आप सबों से खेद व्यक्त करना आवश्यक है।"
पप्पू यादव ने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए लिखा है कि चुनाव के दौरान नीतीश कुमार जी के सामाजिक-राजनैतिक आधार को हम सभी ठीक से नहीं पढ़ पाए। सोच के स्तर से वास्तविक आधार बहुत अधिक था। परिणाम, महागठबंधन की भारी जीत है। यह बात नतीजों से अब प्रमाणित है कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार जी ने एक-दूसरे के उम्मीदवारों को अपने आधार वोट का सफल स्थानांतरण कराया है।
बिहार विधान सभा के चुनाव के नतीजे की प्रत्येक स्तर पर हम सूक्ष्म विवेचना कर रहे हैं। आगे, आप सबों से भी मुखातिब होंगे। विश्वास रखें, परिस्थितियां कैसी भी हो, हम आपके साथ सुख-दुख में सदैव बने रहेंगे। मेरे लिए वोट के रिश्ते से अधिक महत्वपूर्ण मानवता का संबंध है, जिसे हर कीमत पर हम जिंदा रखते हैं।