पकिस्तान में धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने की प्रक्रिया आरम्भ
पकिस्तान में धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने की प्रक्रिया आरम्भ
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इस्लामाबाद: काफी समय से अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के मुद्दे से अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी छबि को सुधारने की नीयत से पाकिस्तान ने बीते शनिवार यानी 23 नवंबर 2019 को बड़ा प्रयास प्रारम्भ किया गया है. जंहा जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर रोक लगाने और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए 22 सदस्यीय संसदीय समिति गठित की गई है. मुस्लिम बहुल पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और जबरन धर्म परिवर्तन कराने के लिए बदनाम हुए है. 

समिति का किया गया गठन: मिली जान करि के अनुसार हम आपको बता दें कि सीनेट सचिवालय से जारी अधिसूचना के मुताबिक चेयरमैन सादिक संजरानी ने नेशनल असेंबली के चेयरमैन असद कैसर, सीनेट में सदन के नेता शिब्ली फराज और विपक्ष के नेता राजा जफरुल हक से सलाह-मशविरे के बाद समिति का गठन किया जा  चुका है. जंहा समिति में पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री नूरुल हक कादरी, मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन मजारी और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अली मुहम्मद खान भी थे. वही इसके अतिरिक्त समिति में हिंदू सांसद अशोक कुमार को भी रखा गया था. जंहा समिति के अन्य सदस्यों में मलिक मुहम्मद आमिर डोगर, सुनीला रथ, जयप्रकाश, लालचंद, मुहम्मद असलम भूटानी, राणा तनवीर हुसैन, डॉ. दर्शन केशूमल खयाल दास, शगुफ्ता जुमानी, रमेश लाल, नवीद आमिर जीवा और अब्दुल वसी शामिल हैं. समिति कितने दिनों में अपना प्रस्ताव बनाकर देगी और उसकी बैठकों का कार्यक्रम अभी घोषित नहीं किया गया है. 


कई घटनाओं से पाकिस्‍तान की हुई बदनामी: सूत्रों से मिली जानकारी कजे मुताबिक इस समिति का गठन सिंध प्रांत में एक हिंदू लड़की के अपहरण और उसे जबरन इस्लाम धर्म ग्रहण कराकर उससे शादी करने की घटना के कुछ हफ्तों बाद किया गया है. जांच बीते सितंबर में हुई यह घटना सुर्खियों में आई थी और इसकी व्यापक निंदा और विरोध किया गया है. वही पाकिस्तान में इस तरह की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं. प्रभावी कानून न होने से इन घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ कुछ खास नहीं हो पाया. 

हम आपको बता दें कि जुलाई में सिंध की विधानसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर हिंदू लड़कियों के अपहरण और उनके जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने और इस तरह की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग सरकार से की. इससे पहले पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने अपनी सालाना रिपोर्ट में बीते साल में सिंध प्रांत में एक हजार हिंदू और ईसाई लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन कर उनसे शादी करने की घटनाओं की जानकारी दें चुके है. 

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