वॉशिंगटन : आतंकवाद के पांव पसरते देख आखिरकार अमेरिका को इस दलदल में कूदना ही पड़ा। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में कहा है कि पाकिस्तान अपनी जमीन से चल रहे आतंकवाद के बाजार को बंद करवाए। साथ ही उन्होने पाकिस्तान सरकार के प्रति अपने विश्वास को जाहिर करते हुए कहा है कि मुझे मालूम है कि नवाज शरीफ की सरकार ऐसा कर सकती है।
आगे ओबामा ने कहा कि पाकिस्तान में बढ़ रही असुरक्षा की भावना खुद उसकी स्थिरता के लिए खतरा बन सकती है। पठानकोट एयरबेस में हुए हमले की ओर इशारा करते हुए ओबामा ने कहा कि भारत लंबे समय से आतंकवाद को झेल रहा है। साथ ही ओबामा ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा नवाज से संपर्क साधने के मसले पर भी मोदी की तारीफ की। एक भारतीय न्यूज एजेंसी को दे रहे अफने साक्षात्कार में ओबामा ने कहा कि मोदी और शरीफ इसको लेकर चर्चा कर रहे हैं कि क्षेत्र में चरमपंथ हिंसा और आतंकवाद पर कैसे काबू पाया जाए।
इस दौरान उन्होंने भारत-अमरीका संबंध और पेरिस में हुई जलवायु परिवर्तन सम्मेलन पर भी अपने विचार रखे। पठानकोट हमले का जिक्र करते हुए ओबामा ने कहा कि ऐसी ही दुखद घटनाओं से पता चलता है कि आतंक के खिलाफ युद्ध में क्यों अमेरिका और भारत एक साथ खड़े है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी इस बात को पहचान लिया है कि पाकिस्तान में अस्थिरता उनके देश और क्षेत्र के लिए खतरा है। दिसंबर 2014 में पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए आतंकी हमले के बाद शरीफ ने प्रण लिया था कि आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
ओबामा ने कहा कि यही सही नीति है। हमने देखा है कि पाकिस्तान के अंदर भी आतंकी हमले हुए हैं और हाल ही में ऐसा ही आतंकी हमला पाक के उत्तर पश्चिम में स्थित एक यूनिवर्सिटी में हुआ। भारत को लेकर बोलते हुए अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले साल भारत की यात्रा से यह बात सामने आई कि किस तरह दोनों देशों के संबंधों में बदलाव आए हैं।