प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन PFI की राजनितिक विंग का कांग्रेस को खुला समर्थन ! भाजपा ने राहुल गांधी से पुछा- ये क्या रिश्ता ?

प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन PFI की राजनितिक विंग का कांग्रेस को खुला समर्थन ! भाजपा ने राहुल गांधी से पुछा- ये क्या रिश्ता ?
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कोच्ची: भाजपा केरल इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) को बिना शर्त समर्थन देने की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) की घोषणा पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। दरअसल, SDPI प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का राजनीतिक संगठन है। हालाँकि, SDPI इससे इंकार करता रहा है, लेकिन इसके कई सबूत सामने आ चुके हैं, कई ऐसे लोग हैं, जो दोनों संगठनों के सदस्य हैं। PFI को आतंकी गतिविधियों के लिए भारत सरकार ने बैन कर दिया था। PFI का एजेंडा 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने का है, उसके दस्तावेज़ में साफ़ लिखा है की अगर 10 फीसद मुस्लिम साथ आ जाएं, तो कायर हिन्दुओं को घुटनों पर ले आएँगे। 

अब उसी PFI की राजनितिक शाखा SDPI द्वारा कांग्रेस को समर्थन देने का जिक्र करते हुए सुरेंद्रन ने कहा, "अब SDPI ने खुले तौर पर सभी 20 निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस पार्टी के लिए समर्थन की घोषणा की है। हम सभी जानते हैं कि PFI पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया था। SDPI और PFI ने खुले तौर पर हिंदुओं और ईसाइयों के धार्मिक गुरुओं, भाजपा नेताओं को मारने, चर्चों, मंदिरों को नष्ट करने की घोषणा की है। SDPI एक ऐसा संगठन है, जो देश को विघटित करने की कोशिश कर रहा है। राहुल गांधी को इस खुली घोषणा पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।'' SDPI का समर्थन स्वीकार करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए, भाजपा नेता ने कहा, "ऐसी पार्टी ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है। कांग्रेस ने कहा है कि वह सभी पक्षों से समर्थन का स्वागत करेगी। राहुल गांधी को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। जो दिन-रात धर्मनिरपेक्षता के बारे में बोलते रहते हैं, उन्हें इस समर्थन का मतलब समझाना चाहिए।”

उल्लेखनीय है कि , केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सितंबर 2022 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगियों को 'गैरकानूनी एसोसिएशन' घोषित किया था। इसमें कहा गया था कि PFI और उसके सहयोगियों, सहयोगियों या मोर्चों को गंभीर अपराधों में शामिल पाया गया है, जिसमें आतंकवाद और इसके वित्तपोषण, लक्षित भीषण हत्याएं, देश की संवैधानिक व्यवस्था की अवहेलना, सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी आदि शामिल हैं, जो देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता के लिए हानिकारक हैं। गृह मंत्रालय ने कहा था कि, PFI का संबंध आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से भी रहा है। PFI के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया (SIMI) सिमी के नेता भी रहे हैं।  ये दोनों ही प्रतिबंधित आतंकी संगठन हैं। PFI खुद भी कई तरह के आपराधिक और आतंकी मामलों में शामिल रहा है और ये देश के संवैधानिक प्राधिकार का अनादर करता है। 

बता दें कि, केरल की 20 लोकसभा सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होगा। 2019 के आम चुनावों के दौरान, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने 20 में से 19 सीटें जीतीं। इनमें से 15 सीटें कांग्रेस ने जीतीं, जबकि बाकी अन्य यूडीएफ सदस्यों ने जीतीं थीं। 543 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव 19 अप्रैल से सात चरणों में होंगे। लगभग 96.8 करोड़ लोग 12 लाख से अधिक मतदान केंद्रों पर आगामी चुनावों में वोट डालने के पात्र हैं। वोटों की गिनती 4 जून को होगी। 

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