रायपुर: छत्तीसगढ़ के मरवाही वनपरिक्षेत्र के भौता बीट से 18 हाथियों का एक दल शुक्रवार की देर रात बॉर्डर पार करते हुए मप्र की सीमावर्ती अनूपपुर जिले के कोतमा वनपरिक्षेत्र स्थित टांकी बीट के कक्ष क्रमांक आरएफ 475 में पहुंच गया है. यह हाथियों का समूह चौकीटोला, बहरीझोडख़ी, पनहीगुरा एवं बैगानटोला में पूरी रात घूमते हुए शनिवार की सुबह डूमरकछार वनक्षेत्र झिरियानाला होते हुए वापस पनहीगुरा कक्ष क्रमांक आरएफ 474 में अस्थायी निवास के लिए पहुंचा जो शनिवार की शाम तक वहीं है.
हाथियों के समूह के आने की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों में दशहत का माहौल है, किसान परेशान है. किसानों को भय है कि खलिहानों में भंडारित खरीफ का अनाज और खेतों में रबी की लगी फसल को हाथियों से क्षति पहुंच सकती है. वनमंडलाधिकारी एमएस भगदिया, उपवनमंडलाधिकारी अनूपपुर ओजी गोस्वामी ने वनविभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को हाथियों के समूह की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए.
इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर ग्रामीणों को वनक्षेत्र में जाने से रोकने तथा सतर्कता बरतने के लिए कहा है. उन्होंने वन अमला से हाथियों के विचरण क्षेत्र पर सतत नज़र बनाए रखने के सख्त निर्देश देते हुए खुद अमला और ग्रामीणों को हाथियों के पास नहीं जाने की बात कही है. बताया जाता है कि हाथियों के दल में किसी एक नर हाथी के गर्दन में रेडियोकॉलर लगे होने की जानकारी वनविभाग को दी गई है, किन्तु वनविभाग ने प्रारम्भिक सूचना में ऐसे किसी हाथी के समूह में शामिल होने से मना किया है.
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