मंगलवार को बंद पड़े बठिंडा थर्मल प्लांट की जमीन को बेचने के विरोध के बीच वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि प्लांट की जमीन पर सूबे का सबसे बड़ा औद्योगिक पार्क बनेगा. बादल ने प्लांट को घाटे का सौदा और प्रदूषण का कारण भी बताया. सोमवार को कैबिनेट से प्लांट की जमीन बेचने को मंजूरी मिलने के बाद आप ने विरोध जताते हुए वित्त मंत्री का आवास घेरने की कोशिश की थी.
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इसके अलावा अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बठिंडा थर्मल प्लांट पर्यावरण, आर्थिक और प्रशासनिक कारणों के चलते तीन साल पहले बंद हो गया था. अब सरकार की कोशिशों के बाद दक्षिणी पंजाब की आर्थिकता बुलंदियां छूएगी. वित्त मंत्री ने चीन से कारोबार समेटने वाली कंपनियों को बठिंडा के नए औद्योगिक पार्क में निवेश का न्योता देते हुए कहा कि बठिंडा नए औद्योगिक केंद्र के तौर पर उभरेगा.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बठिंडा शहर को 164 एकड़ जल स्रोत और झीलें मिलेंगी, जो पहले थर्मल प्लांट का हिस्सा थे. वहीं प्लांट के बंद होने के कारण 280 एकड़ क्षेत्रफल में फैली खाली हुई पावर कालोनी में पूरी सिविल और पुलिस लाइन के अधिकारियों और मुलाजिमों को रिहायशी सुविधा मिलेगी. इसके अलावा बठिंडा वासियों को कोयले वाले इस बिजली प्लांट की तरफ से फैलाए जा रहे प्रदूषण से राहत मिली है. वही, वित्त मंत्री ने बताया कि बठिंडा थर्मल प्लांट 1974 में स्थापित किया गया था. यह पंजाब का सबसे पुराना प्लांट था, जो अपनी 25 साल की असली मियाद पार कर चुका था. केंद्रीय बिजली एजेंसी (सीईए) के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी गैर-व्यवहारिक थर्मल प्लांट, जो 25 साल की मियाद पूरी कर चुके हैं, को बंद कर दिया जाना है.
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