एनआरसी में जगह न बना पाने वाले हिंदुओं के लिए सरकार ने बनाई यह योजना
एनआरसी में जगह न बना पाने वाले हिंदुओं के लिए सरकार ने बनाई यह योजना
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नई दिल्लीः 31 अगस्त को आई एनआरसी की आखिरी सूची में 19 लाख से अधिक लोगों को जगह नहीं मिला। इसमें हिंदुओं की भी बड़ी तादाद है। इसने सत्ताधारी बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है। सरकार पर दबाव है कि वह इसके लिए कुछ करे। सरकार ने इसके लिए एक योजना बनाई है। सरकार लिस्ट में नाम न दर्ज करवा सकने वाले हिंदुओं को बिना शर्त देश की नागरिकता देगी। सरकार की योजना नवंबर में होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हर हाल में इस बिल को पारित कराने की है।

ऐसा होने पर एनआरसी में नाम दर्ज कराने में चूक गए 12 लाख हिंदुओं और आदिवासियों को बिना शर्त देश की नागरिकता मिल जाएगी। एनआरसी पर भाजपा और मोदी सरकार पहले फ्रंट फुट पर थी। हालांकि एनआरसी प्रकाशित होने के बाद पार्टी की परेशानी बढ़ गई। दरअसल एनआरसी में नाम दर्ज कराने में नाकाम रहे 19 लाख लोगों में से 12 लाख हिंदू शामिल हैं।

इनमें भी बड़ी संख्या आदिवासियों की है, जिसे असम का मूल निवासी माना जाता है। पहले पार्टी और सरकार को उम्मीद थी कि राज्य के मुस्लिम बहुल और बांग्लादेश की सीमा से सटे जिलों में बड़ी संख्या में लोग एनआरसी में नाम शामिल नहीं करा पाएंगे। हालांकि जब सूची प्रकाशित हुई तो पता चला कि ऐसे तीन जिलों की तुलना में हिंदूबहुल जिलों में अधिक लोग एनआरसी में नाम दर्ज नहीं करा पाए।

बता दें कि अभी गृह मंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय असम दौरे में एनआरसी से बढ़ी मुश्किलों पर राज्य इकाई और राज्य सरकार से गहन चर्चा किया। इसमें तय हुआ कि पार्टी कार्यकता लिस्ट में शामिल होने से चुके लोगों को अपील करने में मदद करेंगे। सरकार के लिए इस संशोधऩ बिल का पास कराना आसान काम नहीं है।

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