जवाहरलाल यूनिवर्सिटी की एकेडमिक कांउसिल में जेएनयू सेंटर ऑफ इंडियन लैंग्वेजिज का विस्तार किया गया. अब यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लैंग्वेज को लिट्रेचर एंड कल्चरल स्टडीज से जोड़ा जाएगा. हालांकि इस हुई कांउसिल में संस्कृत सेंटर को लेकर भी प्रस्ताव रखा गया था. पर उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया, उस प्रस्ताव में यह कहा गया था कि योगा और इंडियन कल्चर में एक सर्टिफिकेट कोर्स आरंभ होना चाहिए.
मिली जानकारी के अनुसार हम आपको बता दें कि जेएनयू सेंटर ऑफ इंडियन लैंग्वेजिज की शुरुआत 1974 में हुई थी उस समय इस सेंटर में मास्टर और रिसर्च प्रोग्राम्स केवल उर्दू और हिंदी भाषा में होते थे .
पर अब पिछले 10 सालों से यहां एम.फिल और पीएचडी को तमिल, कन्नड़, बंग्ला, मराठी, उडि़या में भी कराया जा रहा है .अब ये प्रोग्राम 22 भाषाओं में कराए जाएंगे.जिससे छात्रों को सरलता होगी वे अपनी मन पसंद भाषा के माध्यम से Ph.D और MA, कर पाएंगे .