गुवाहाटी: अब जरा सोच समझकर सांस लेने की आवश्यकता है, क्योंकि महामारी का रूप ले चुका कोरोना वायरस अब हवा के माध्यम से फैल रहा है। यह नया खुलासा हाल ही में हुआ जो पूरी दुनिया की सरकारों एवं डॉक्टर्स की नींद उड़ा देने वाला है। चीन के अधिकारियों के अनुसार, कोरोना वायरस अब हवा में मौजूद सूक्ष्म बूदों में मिलकर फैलने लगा है।
इसके तहत अब यह वायरस हवा में फैलते हुए दूसरे व्यक्ति को चपेट में ले रहा है जिसे एयरोसोल ट्रांसमिशन कहा जाता है। अब तक वायरस के प्रत्यक्ष संचरण (डायरेक्ट ट्रांसमिशन) और संपर्क संचरण (कॉन्टैक्ट ट्रांसमिशन) की ही पुष्टि की गई थी। शंघाई सिविल अफेयर्स ब्यूरो के डेप्युटी हेड के अनुसार, एयरोसोल ट्रांसमिशन का अर्थ है कि वायरस हवा में मौजूद सूक्ष्म बूंदों से मिलकर एयरोसोल बना रहा है। मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, इससे सांस लेने की वजह से संक्रमण हो रहा है।' उन्होंने कहा है कि इसके मद्देनजर हमने लोगों से आग्रह किया है कि वो पारिवारिक सदस्यों से संक्रमित होने से बचने के उपायों को बताकर उन्हें जागरूक करें।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रत्यक्ष संचरण (डायरेक्ट ट्रांसमिशन) का तात्पर्य है कि संक्रमित व्यक्ति यदि छींक या खांस रहा है तो पास के व्यक्ति के सांस लेते समय वायरस उसमें प्रवेश कर जाएगा। वहीं, संपर्क संचरण (कॉन्टैक्ट ट्रांसमिशन) तब होता है जब कोई शख्स वैसी कोई वस्तु छूकर अपना मुंह, नाक या आंख स्पर्श करता है जिसमें वायरस युक्त सूक्ष्म बूंदें चिपकी होती हैं।
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