इंदौर: टैक्सी कारों में बढ़ते महिला अपराधों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक नया आदेश जारी कर दिया है. इसमें एक जुलाई, 2019 से रजिस्टर्ड होने वाली टैक्सी कारों में चाइल्ड लॉक सिस्टम नहीं रखने के निर्देश दिए गए हैं. बताया जा रहा है कि केंद्र ने 29 नवंबर को इस संबध में सभी राज्यों के परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव और परिवहन आयुक्त को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है.
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पत्र में लिखा है कि कारों में बच्चों की सुरक्षा के मद्देनज़र कार निर्माता कंपनियों द्वारा चाइल्ड लॉक सिस्टम दिया जाता है, इस लॉक सिस्टम के कारण बच्चे अंदर से कार का दरवाजा नहीं खोल पाते हैं, मात्र बाहर से ही कार का दरवाजा खुल सकता है. लेकिन कई बार यह देखने में आया है कि जब टैक्सी कार में महिला यात्रा करती है, तब इस सिस्टम का दुरुपयोग होता है और बलात्कार और यौन शोषण जैसी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है, इसलिए एक जुलाई, 2019 से टैक्सी कारों में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
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आपको बता दें कि वर्तमान में ओला-उबेर जैसी टैक्सियों का चलन बढ़ने से कार-टैक्सी में बलातकार और यौन उत्पीड़न की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिसके चलते इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने चाइल्ड लॉक सिस्टम को बंद करने का निर्णय लिया है.
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