नई दिल्ली : सॉफ्टबैंक के अध्यक्ष और मुख्य परिचालन अधिकारी निकेश अरोड़ा ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन एक साल तक वह कंपनी में सलाहकार की भूमिका निभाते रहेंगे. निकेश अरोड़ा की किस्मत पर रश्क करने वाले तो बहुत मिल जाएंगे लेकिन इस मुकाम तक पहुँचने के लिए दी गई उनकी सेवा, समर्पण और उस सोच को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता जिन्हे सॉफ्ट बैंक ने उन्हें दुनिया का सबसे ज्यादा 500 करोड़ का पैकेज पाने वाला कार्यकारी बना दिया.
जी हाँ, यहां हम बात कर रहे गाजियाबाद में जन्में भारतीय गौरव निकेश अरोड़ा की जो आईआईटी बीएचयू से स्नातक और बोस्टन यूनिवर्सिटी से एमबीए करने जब अमेरिका पहुंचे तो उनके पास मात्र 200 डॉलर थे, लेकिन अपनी योग्यता और अनुभव के बल पर आज दुनिया के सबसे अधिक वेतन पाने वाले एग्जीक्यूटिव मे से एक बन गए हैं.
48 वर्षीय निकेश अरोड़ा ने 2004 में गूगल ज्वाइन कियाऔर उसके यूरोपियन आपरेशन का नेतृत्व किया. बाद में वे कम्पनी के चीफ बिजनेस मैन बन गए. वहां भी वे सबसे ज्यादा सेलेरी लेने वाले व्यक्ति बन गए थे. 2014 में सॉफ्ट बैंक से जुड़ना उनका बड़ा कदम था.
गौरतलब है कि सॉफ्ट बैंक से निकेश अरोड़ा को 31 मार्च 2016 को समाप्त हुए फिस्कल ईयर के लिए करीब 500 करोड़ का पे पैकेज मिला. इससे वे दुनिया के सबसे ज्यादा वेतन लेने वाले एक्जेक्युटिव बन गए. पिछले वर्ष उन्हें ज्वाइनिंग बोनस समेत पे पैकेज के तौर पर करी 850 करोड़ रुपए मिले.
बता दें कि सॉफ्ट बैंक से जुड़ने से पहले अरोड़ा की शादी दिल्ली की बिजनेस वुमन आयशा थापर से हुई थी, जो इन्डियन सिटी प्रॉपर्टीज के सीईओ विक्रम थापर की बेटी हैं