'राष्ट्र विरोधी खबरों के लिए बनाया गया था News Click, चीन से आता था पैसा..', ED का दावा- ये पेड न्यूज़ का मामला
'राष्ट्र विरोधी खबरों के लिए बनाया गया था News Click, चीन से आता था पैसा..', ED का दावा- ये पेड न्यूज़ का मामला
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नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED), वामपंथी न्यूज़ पोर्टल न्यूज़क्लिक (News Click) चलाने वाली कंपनी में 86 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी वाली विदेशी धनराशि की जांच (ED Probe against Newsclick) कर रहा है. मनी-लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून के तहत जांच किए जा रहे मामले में जल्द ही आरोप पत्र दाखिल करने की उम्मीद है. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार (8 अगस्त) को इस बारे में जानकारी दी है. बता दें कि, अमेरिकी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) की एक रिपोर्ट के बाद न्यूज़क्लिक फिर से सुर्खियों में है, जिसमें दावा किया गया है कि यह पोर्टल (बहुत हद तक कांग्रेस समर्थक पोर्टल) एक वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा था, जिसे अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम से धन प्राप्त हुआ था. यही सिंघम चीनी सरकारी मीडिया मशीन के साथ मिलकर काम करते हैं. रिपोर्ट का हवाला देते हुए, सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को कहा कि भारत 2021 से दुनिया को बता रहा है कि न्यूज़क्लिक "चीनी प्रचार" का एक खतरनाक वैश्विक नेटवर्क है, जो फर्जी खबरें फैला रहा है.

उल्लेखनीय है कि, इससे पहले सितंबर 2021 में ED द्वारा समाचार पोर्टल और इसके संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ सहित इसके प्रमोटरों पर छापा (ED Probe against Newsclick) मारा गया था, उस समय कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे प्रेस पर हमला बताया था. वहीं, मौजूदा मामले में न्यूज़क्लिक ने सोमवार शाम को एक बयान जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि "कुछ राजनीतिक नेताओं और वर्गों द्वारा उसके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं. मीडिया (NYT) के दावे निराधार और तथ्य या कानून के आधार से रहित हैं.'' न्यूज़क्लिक के बयान में आगे कहा गया है कि, "पिछले 12 घंटों में, न्यूज़क्लिक के खिलाफ विभिन्न झूठे और भ्रामक आरोप लगाए गए हैं, जो वर्तमान में भारत में अदालतों के समक्ष विचाराधीन मामलों से संबंधित हैं. हम कानूनी प्रक्रिया की पवित्रता का सम्मान करते हैं और मीडिया ट्रायल में शामिल होने का इरादा नहीं रखते हैं." ED की जांच के अनुसार, कंपनी (News Click) ने जस्टिस एंड एजुकेशन फंड USA, द ट्राइकॉन्टिनेंटल लिमिटेड USA, GSPAN एलएलसी USA और सेंट्रो पॉपुलर डी मिडास, ब्राजील से क्रमशः 76.84 करोड़ रुपये, 1.61 करोड़ रुपये, 26.98 लाख रुपये और 2.03 लाख रुपये के "निर्यात प्रेषण" प्राप्त करने का दावा किया है. मार्च 2018 से 2021 के ये आंकड़े एजेंसी द्वारा जांच में सामने आए हैं.

सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी (ED Probe against Newsclick) को छापे के दौरान इन संस्थाओं को सेवाएं निर्यात करने का "कोई सबूत नहीं" मिला. सूत्रों ने कहा कि संघीय एजेंसी जल्द ही आरोपपत्र दाखिल करेगी. यह 9.59 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) हस्तांतरण की भी जांच कर रहा है, जो अप्रैल 2018 में PPK न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के "शेयरों की सदस्यता के माध्यम से" प्राप्त हुआ था. हालाँकि, वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स LLC, USA (एक डेलावेयर लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी) नामक इस कंपनी ने न्यूज़क्लिक को फंड देने के बाद अपनी दुकान बंद कर ली थी. ED को संदेह है कि जो धनराशि जस्टिस एंड एजुकेशन फंड इंक USA के माध्यम से भेजी गई थी, वह "नेविल रॉय सिंघम" की थी, जिस पर ED का आरोप है कि वह पुरकायस्थ का "करीबी विश्वासपात्र" और "चीनी समर्थक" है. ED ने न्यूज़क्लिक की मालिक कंपनी के एक शेयरधारक का बयान दर्ज किया है, जिसने कहा था कि सिंघम, जस्टिस एंड एजुकेशन फंड, USA और जीएसपीएएन एलएलसी, USA से प्राप्त धन का "अंतिम मालिक" था.

ED ने दावा किया कि PPK न्यूजक्लिक (ED Probe against Newsclick) स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के "फंडिंग पैटर्न" की जांच से पता चलता है कि इसे "सिंघम के कहने पर राष्ट्र-विरोधी खबरें अपलोड करने के लिए बनाया गया था, क्योंकि उसने FDI और निर्यात आय के हस्तांतरण के माध्यम से सभी निवेश किए थे.' इसमें यह भी आरोप लगाया गया कि निवेशक (सिंघम) पोर्टल पर समाचार की सामग्री को प्रभावित कर रहा था, और इसलिए यह "पेड न्यूज" का मामला था. ED ने यह भी पाया कि कंपनी में प्राप्त ये धनराशि कथित तौर पर पुरकायस्थ से जुड़े दक्षिण दिल्ली के साकेत इलाके में एक फ्लैट के रखरखाव और नवीकरण कार्यों के लिए इस्तेमाल की गई थी. ED ने 4.52 करोड़ रुपये के इस फ्लैट और पुरकायस्थ की 41 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट को पहले ही जब्त कर लिया है. इसमें कहा गया है कि कंपनी ने कुछ पत्रकारों को किए गए अन्य भुगतान के अलावा जेल में बंद कार्यकर्ता गौतम नवलखा को वेतन के रूप में 17.08 लाख रुपये का भुगतान किया. सोमवार को न्यूज पोर्टल पर निशाना साधते हुए, भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि चीन, न्यूज़क्लिक और कांग्रेस, एक "भारत विरोधी जड़ों" से जुड़े हुए हैं.

भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के साथ एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए ठाकुर ने कहा कि जब दो साल पहले न्यूज़क्लिक (ED Probe against Newsclick) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी हुई थी, तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने प्रेस की स्वतंत्रता का मुद्दा उठाते हुए सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाया था. मंत्री ने कहा कि, "यदि आप न्यूज़क्लिक के फंडिंग नेटवर्क को देखें, तो इसे एक विदेशी नेविल रॉय सिंघम द्वारा फंड किया गया था और उसे चीन से धन मिलता है.नेविल रॉय सिंघम का चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की प्रचार शाखा और चीनी मीडिया कंपनी मकू ग्रुप (Maku Group) से सीधा संपर्क है.'' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, "वे मुफ्त खबरों के नाम पर फर्जी खबरें पेश करते हैं. कांग्रेस और अन्य दल उनका समर्थन कर रहे हैं.' बता दें कि, न्यूज़क्लिक की वेबसाइट के मुताबिक, यह एक स्वतंत्र मीडिया संगठन है, जो प्रगतिशील आंदोलनों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ भारत और अन्य जगहों से खबरों को कवर करने के लिए समर्पित है. इसकी स्थापना 2009 में हुई थी और इसका स्वामित्व पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के पास है और यह दक्षिण दिल्ली में स्थित है. हालाँकि, इस पोर्टल को कांग्रेस समर्थक मीडिया भी कहा जाता है, जैसा कि भाजपा ने आरोप लगाया है.  

बता दें कि, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कल सदन में कहा था कि न्यूज़क्लिक के मालिक द्वारा जमा किया गया धन माओवादियों, नक्सलियों और (अभिसार) शर्मा, रोहिणी सिंह और स्वाति चतुर्वेदी जैसे कथित प्रचारकों को भेजा गया था. उन्होंने कहा कि चीनी सरकार, भारत विरोधी कहानियां बनाने के लिए भी पैसा खर्च कर रही है. निशिकांत दुबे ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के साथ कांग्रेस पार्टी के रिश्तों (Congress and CCP Agreement) को भी उजागर किया था. उन्होंने कांग्रेस पर 2017 के कुख्यात डोकलाम गतिरोध के दौरान गुपचुप तरीके से चीन के साथ बातचीत करने का आरोप लगाया था.

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