आज के दिन भूलकर भी ना करें ये काम, वरना होगा बहुत अपशगुन
आज के दिन भूलकर भी ना करें ये काम, वरना होगा बहुत अपशगुन
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शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी को बहुत प्रिय होता है। देवी भगवती को इस दिन खुश करना सबसे सरल होता है। धार्मिक मान्यताओं में इस दिन की आरम्भ से विशेष अहमियत रही है। शुक्रवार के दिन यदि आप देवी लक्ष्‍मी की पूजा करते हैं तथा लक्ष्‍मी स्‍त्रोत का पाठ करते हैं तो आपके घर में धन, वैभव एवं संपन्‍नता आती है। बताया जाता है कि शुक्रवार के दिन आप किसी भी शुभ कार्य का आरम्भ भी कर सकते हैं। यदि शुक्रवार को पूरी श्रद्धा भक्ति से मां की पूजा करी जाए तो उस घऱ में मां का सवैद वास रहता है। आपको बता दें कि शुक्रवार को बेहद से अच्‍छे कार्य करने के अतिरिक्त कुछ ऐसे भी कार्य होते हैं जिनको कभी गलती से भी किसी को नहीं करना चाहिए। इन्‍हें अपशगुन माना जाता है तथा देवी लक्ष्‍मी भी ऐसा करने से खफा हो जाती हैं। आइए आज हम जानते हैं कि शुक्रवार के दिन हमें किन कार्यों को नहीं करना चाहिए।

घर से ना हटाएं प्रतिमा:-
शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी को घर हमेशा के लिए लाने का दिन होता है, इस दिन उनको विदा नहीं करना चाहिए। यदि आप इस दिन कोई भी देवी की पुरानी या खंडित प्रतिमा विसर्जित करते हैं तो ये अपशगुन होता है क्योंकि प्रतिमा के विसर्जन को देवी की विदाई के रूप में माना जाता है। 

घर के द्वार खोलना:-
शास्‍त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि सांझ के समय मुख्‍य द्वार को कुछ समय के लिए खोल देना चाहिए। ऐसा बोला जाता है कि शाम के समय मां लक्ष्मी घरों भ्रमण पर निकलती हैं, जिस घर के द्वार बंद होते हैं वहां मां बाहर से ही लौट जाती हैं। इसलिए संध्‍याकाल में घर के पूजास्‍थल में दीपक जलाते वक़्त घर के मुख्‍य द्वार खोल देने चाहिए।

ना उधार लें ना दें:-
शुक्रवार को हमेशा इस बात को ध्यान में रखें कि आप ना किसी को उधार दें ना ही किसी से उधार लें। यदि आप ऐसा करते हैं तो घर की बरकत में कमी आ सकती है। यदि कोई शुक्रवार के दिन उधार मांगे तो उसकी सहायता करें किन्तु उधार ना दें।

कन्या को ना फटकारें:-
शुकवार के दिन कुछ लोग देवी लक्ष्‍मी का उपवास करते हैं तथा इसी वजह से कन्‍याओं को भोज भी करवाते हैं। ऐसे में कभी भी गलती से भी इस दिन कन्याओं को अनादर नहीं करना चाहिए। बल्कि उनका जितना हो सके सम्मान करें।

किसी को प्रतिमा ना करें भेट:-
शुक्रवार के दिन कभी भी किसी को भी देवी लक्ष्‍मी की प्रतिमा नहीं भेंट करनी चाहिए। ये स्वयं के लिए अपशगुन माना जाता है। शुक्रवार के दिन आप केवल अपने घर के लिए देवी लक्ष्‍मी की प्रतिमा ला सकते हैं, किन्तु इसे किसी को भेंट नहीं करना चाहिए।

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