सरकार की फाईलों से बंधी उम्मीद, राज़ अभी भी है बरकरार
सरकार की फाईलों से बंधी उम्मीद, राज़ अभी भी है बरकरार
Share:

नेताजी सुभाषचंद्र बोस को लेकर आज भी कई रोचक रहस्य बने हुए हैं। हालांकि नेताजी की 119 वीं जयंती के अवसर पर केंद्र सरकार की ओर से फाईल को सार्वजनिक कर दिया गया है लेकिन अभी भी उनकी मौत के रहस्य को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं हालांकि सरकार को दस्तावेजों और अन्य सामग्रियों से यह जानकारी मिली कि नेताजी को लेकर वर्ष 1945 में जिस विमान हादसे का जिक्र किया जाता है उसमें सवार थे, नेताजी की अस्थियों के साथ ही सोचे चांदी के गहने और कुछ येन मुद्राऐं मिलने का उल्लेख किया गया है।

जिसमें कहा गया है कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस विमान में सवार थे और उनके पास एक सूटकेस था। इस सूटकेस में 33 फाईलें सार्वजनिक करने हेतु राष्ट्रीय अभिलेखागार को सौंप दिया गया था। यह अभिलेखागार 100 फाईलों को सार्वजनिक कर रहा है। नेताजी की इन फाईलों से यह बात तो साफ होती है कि नेताजी की मौत विमान हादसे में हुई थी लेकिन फिर जिस गुमनामी बाबा की बात सामने आती है आखिर उन्हें लेकर किसी तरह के नतीजे पर क्यों कोई नहीं पहुंच पाता है।

गुमनामी बाबा नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु के बाद अस्तित्व में आए थे। उनके पास वही सामग्री थी जो नेताजी के पास हुआ करती थी। एक पुरानी घड़ी, आजाद हिंद फौज की ड्रेस और नेताजी के जीवन से जुड़ी कुछ निजी तस्वीरें भी गुमनामी बाबा के सामान से प्राप्त हुई थीं। 

हालांकि मुखर्जी आयोग ने इस तरह की बात को नकार दिया है कि नेताजी की मृत्यु विमान हादसे में हुई थी। नेताजी की मौत को लेकर जिस तरह के साक्ष्य मिले थे उन्हें मुखर्जी आयोग ने पर्याप्त नहीं माना। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु को लेकर कई बार सवाल उठे। इस मामले में सरकारें भी सवालों के घेरे में हैं। कांग्रेस पर भी नेताजी के जीवन से जुड़ी इन फाईलों को सार्वजनिक न करने का आरोप लगता रहा है। हां, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने नेताजी को लेकर जानकारी जुटाने वालों को अपनी ओर से फाईलें सार्वजनिक कर कुछ संतोष प्रदान किया।

जिस तरह से भारत की स्वाधीनता के लिए लड़ने वाले एक कां्रतिकारी की मौत को लेकर सरकारें इतनी सुस्त रही हैं उससे लगता है कि सरकारों को स्वाधीनता संग्राम सेनानियों की कितनी चिंता रही होगी। हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने इस मसले पर कुछ उत्साह दिखाकर नेताजी के प्रति अपनी संवेदनाऐं व्यक्त की हैं लेकिन इस मामले में फाईलें कई तरह के सवाल पैदा करती हैं।

हालांकि अभी सरकार ने 100 फाईलें सार्वजनिक की हैं। जिससे आमजन यह जान सकेंगे कि नेताजी के जीवन में क्या घटित हुआ था और उन्हें आज़ादी के लिए किस तरह से बाहरी संघर्ष करना पड़ा था। संभवतः नेताजी के जीवन का रहस्य भी खुल जाए लेकिन फिलहाल इस मामले में कई तरह के सवाल हैं। यदि विमान हादसे के बाद गुमनामी बाबा अस्तित्व में आए और उनके पास वही सामान था जो नेताजी के पास था।

फिर उनके बारे में जिस तरह का वर्णन मिलता है वह भी नेताजी से मिलता - जुलता है। ऐसे में यह पसोपेश बना हुआ है कि आखिर गुमनामी बाबा कौन थे। मगर फिर हबीर्बुरहमान की बात का उल्लेख सवाल पैदा करता है कि उन्होंने नेताजी को विमान हादसे में आग की लपटों में घिरा देखा। 

'लव गडकरी'

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -