काठमांडू : संभवतः नेपाल में यह पहला ऐसा मामला होगा जब किसी की मांग पूरा करने के लिये मौजूदा संविधान को बदल दिया जायेगा। संविधान इसलिये बदलने का निर्णय लिया गया है ताकि मधेशी और अन्य जातियों की मांगों को पूरा किया जा सके। बताया गया है कि पिछले साल ही नेपाल में संविधान लागू होने की सालगिरह मनाई गई थी और इस अवसर पर नेपाल में विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया था।
जानकारी मिली है कि जब से संविधान को लागू किया गया है तभी से मधेशी और अन्य जातीय समाज समूहों अपने आपको उपेक्षित है और इस कारण विशेषकर मधेशी समाज की ओर से आंदोलन किया जा रहा है। मौजूदा नेपाल की सरकार ने लंबे समय से चले आ रहे आंदोलन को देखते हुये संविधान बदलने का ही निर्णय ले लिया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुये नेपाल के शहरी विकास मंत्री अर्जुन नरसिंह ने बताया कि आगामी दिनों में संविधान संशोधन संबंधी प्रस्ताव संसद में पेश करने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जायेगा। मंत्री नरसिंह के अनुसार सरकार मधेशी समूह और अन्य जातीय समूह की समस्याओं को दूर करना चाहती है और इसीलिये संविधान बदलने का निर्णय लिया गया है।