ISIS जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए UN में बदलाव की दरकार
ISIS जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए UN में बदलाव की दरकार
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जिनेवा : भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग करते हुए कहा कि हालत ये हैं कि वर्तमान परिस्थितियों में पश्चिम एशिया में आईएसआईएस के प्रभाव के ही साथ कई ऐसी चुनौतियों का सामना विश्व को करना है। भारत ने कहा कि इसके लिए वर्तमान तरीके नाकाफी साबित होंगे। दरअसल संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर करने की 70 वीं वर्षगांठ पर भारत से यहां आए सांसद मनसुख मंडाविया ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख तौर पर सुरक्षा परिषद की वर्तमान बनावट चुनौतियों से अलग हटकर है। इस मामले में कहा गया कि शांति और सुरक्षा हेतु संयुक्त राष्ट्र के महत्वपूर्ण अंग में बड़े पैमाने पर सुधार की जरूरत है।

समकालीन भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित किया जा सके ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए। इस मामले में मंडाविया ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए की गई वार्ता के दस्तावेज को स्वीकार कर रही है। सदस्य देशों के पास वार्ता करने के दस्तावेज पर्याप्त हैं। इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

पश्चिम एशिया, उत्तरी अफ्रीका और यूरोप में हिंसा और ISIS के हमले इतने बढ़ गए हैं कि बड़े पैमाने पर लोग पश्चिमी देशों में शरणार्थियों के तौर पर रहने को मजबूर हैं। विश्व में कुछ क्षेत्रों में तो आर्थिक संकट है ऐसे में कई देशों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। हालात ये हैं कि सुरक्षा परिषद, युद्धों में लोग मूक दर्शक बने हुए हैं। स्थिति बताई गई है कि अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में उपजी हिंसा को लेकर पहले कभी इनकी रोकथाम का प्रयास नहीं किया गया लेकिन देश इस मसले पर अपनी कार्रवाई करने में असमर्थ रहा था। 

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