नीमच से राजेन्द्र सिंह राठौड़ की रिपोर्ट
नीमच/ब्योरो। एक पवित्र स्थान जो पूरे राज्य के साथ साथ राजस्थान ,गुजरात तक इसकी महिमा प्रसिद्ध है। इस मंदिर पर स्थानीय लोगों की बहुत मान्यता है। सप्ताहांत या धार्मिक छुट्टियों पर और शनिवार और रविवार को भीड़ ज्यादा रहती है। मंदिर तक पहुंचने के लिए नीमच से 19 किमी की दूरी तय करनी होगी। स्थानीय लोगों में भादवा माता के प्रति बहुत आस्था है क्योंकि उनका मानना है कि मंदिर क्षेत्र में स्थित कुएं से स्नान करने से लकवा रोग और पोलियो से छुटकारा मिलता है। नवरात्रि इस मंदिरका प्रमुख त्योहार है जब पुजारी माता की मूर्ति को सुंदर कपड़ों और गहनों से सजाते हैं।
नवरात्रि के त्योहार के समय पूजाअर्चना समयानुसार होती है मगर मान्यताओं के अनुसार अष्टमी का एक अलग ही महत्व होता है इस दिन महा यज्ञ होता हे भक्तो कि भक्ति देखे ही बनती है। कुछ वर्षों से भक्त लोग भादवामाता के दर्शन के लिए अपने अपने घरों से पैदल ही माता के दर्शन को निकलते है ।अष्टमी के दिन तो जो भक्तो का जयजय कारो की रैली नीमच से भादवामाता तक देखते ही बनती है अनेक भक्त तो बिना चप्पल के नंगे पैर निकलते है । इस दरमयान नीमच ओर आसपास की अनेक सामाजिक सनस्थों द्वारा कदम कदम पर भंडारों का आयोजन किया जाता है सेवचारी यँहा सेवा करके अपने आप को धन्य समझते है ।
इस बार दो साल कोरोना की दहशत के बाद विशाल रूप से नवरात्रि का त्योहार माता जी मे मनाया जाएगा। प्रशासन मुस्तेदी से आयोजन की तैयारी में जुटा हुआ है। और इस बार माता का मेला बड़े इंतज़ार के बाद आया है प्रशासन ने भक्तो से आग्रह किया है इसका आंनद ले और किसी भी दुर्घटना से बचे ओर यदि कोई असामाजिक गतिविधि दिखे तो तुरंत प्रशासन को सुचित करे। मेले में 24 घन्टे स्वास्थ्य कर्मी तैनात रहेंगे । इस बार शारदीय नवरात्रि का मेला 26 सितम्बर से घटस्थापना के साथ शुरू होगा जो अष्टमी तक चलेगा।
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