नई दिल्ली : डोपिंग मामले में फंसे भारतीय पहलवान नरसिंह यादव को लेकर एक बार फिर यह सामने आया है कि वे प्रतिबंधित दवाएं लेने के पहले से ही आदी है। यह बात खेल पंचाट ने कही है। पंचाट ने फैसला दिया है कि भारतीय पहलवान नरसिंह यादव ने अपने को बचाने के लिये ठोस सबूत नहीं दिये है। गौरतलब है कि नरसिंह यादव डोपिंग के मामले में दोषी सिद्ध हो गये थे और इसके बाद रियो ओलिंपिक के दौरान ही उन पर चार वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया गया था।
हाल ही में खेल पंचाट ने उनके खिलाफ निर्णय दिया है। पंचाट के जिम्मेदारों का कहना है कि नरसिंह ने जानबुझकर प्रतिबंधित दवाईयों का उपयोग किया है और लगता है कि वे प्रतिबंधित दवाइयों पर अधिक निर्भर रहते है। यह उल्लेखनीय है कि नरसिंह यादव कुश्ती के जाने-माने पहलवान है और रियो में उनसे पदक प्राप्ति की भी उम्मीदें लगी हुई थी, लेकिन उनके मुकबाले के कुछ समय पूर्व ही उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया था।
पहले परीक्षण में भी मिला नमूना
पंचाट ने कहा है कि नरसिंह यादव ने ऐसे कोई सबूत नहीं पेश किये है, जिससे उनके खिलाफ प्रतिबंधित दवाई लेने के आरोप समाप्त हो सके। पंचाट का कहना है कि उन्होंने जानबुझकर प्रतिबंधित दवाई ली है। उनका पहला परीक्षण 25 जून को हुआ था और उस दौरान भी प्रतिबंधित दवाई का नमूना मिला था। हालांकि नाडा की ओर से नरसिंह यादव को प्रतिबंधित दवाई लेने के मामले में क्लीनचीट दे दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद खेल पंचाट ने अपने निर्णय के बाद नाडा के फैसले पर सवालिया निशान खड़े कर दिये है।
पंचाट के अनुसार 25 जून ही नहीं बल्कि इसके पश्चात 5 जुलाई को हुये परीक्षण में भी नरसिंह में प्रतिबंधित दवाई के अंश मिले थे। बताया गया है कि नरसिंह पर प्रतिबंधित मिथेनडाइनोन की टैबलेट खाने का आरोप लगा हुआ है।