नेहरू की नीतियां फेल होने पर मजबूरी में लाया गया आर्थिक उदारवाद
नेहरू की नीतियां फेल होने पर मजबूरी में लाया गया आर्थिक उदारवाद
Share:

मुंबई : केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहा राव को लेकर आलोचनात्मक टिप्पणी की है। अपनी टिप्पणी के दौरान उन्होंने कहा कि नरसिंहा राव किसी भी तरह से उदारवादी नहीं थे। नेहरूवादी अर्थव्यवस्था जब असफल हो गई तो मजबूरी में सुधारों का प्रारंभ हुआ। मगर वास्तविकता में ये सुधार भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कुछ नहीं कर पाए। नेहरूवादी अर्थव्यवस्था से भारत पीछे रह गया था।

दूसरी ओर उसके दक्षिण पूर्व एशियाई सहयोगी आगे निकल गए। केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सरकार द्वारा लिए जाने वाले कर्ज का भुगतान नहीं किए जाने की स्थिति से बचने हेतु नरसिंहा राव नेहरूवादी सोच से बाहर निकलने हेतु मजबूर थे। उनके शासनकाल में 1991 में आर्थिक सुधारों का प्रारंभ हुआ।

मगर राव किसी भी तरह से महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारवादी नहीं थे। वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि नरसिंहा राव आंध्रप्रदेश के कानून मंत्री थे उनका पहला निर्णय था कि निजी महाविद्यालयों को बंद कर दिया जाना चाहिए और केवल सरकार को काॅलेज जाना चाहिए। उनका कहना था कि जब वे प्रधानमंत्री बने तो उन्हें भारत के खजाने की जानकारी मिली। खजाना खाली था उसमें विदेशी भंडार तो था ही नहीं ऐसे में मजबूरी में वे आर्थिक सुधार के कदम लाए। देश में संसाधन सीमित थे।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -