हिन्दू पंचांग के अनुसार, नृसिंह जयंती वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाई जाती है। जी हाँ और इस साल यह जयंती 14 मई को मनाई जाने वाली है। आप सभी को बता दें कि भगवान नरसिंह का संबंध हमेशा से ही शक्ति विजय से रहा है। जी हाँ और ज्योतिष शास्त्र में इस दिन का खासा महत्व बताया गया है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन किया गया अनुष्ठान व्यक्ति को 1000 यज्ञों के बराबर का फल अनुष्ठान के प्रभाव से सभी कष्टों शत्रुओं का सर्वनाश हो जाता है। अब हम आपको बताते हैं नृसिंह जयंती पर कैसे किया जाना चाहिए अनुष्ठान।
नृसिंह जयंती का अनुष्ठान- इस दिन भक्त सूर्योदय से पहले पवित्र स्नान करते हैं साफ पोशाक पहनते हैं। उसके बाद देवी लक्ष्मी भगवान नरसिम्हा की मूर्तियों को रखकर विशेष पूजा का आयोजन करते हैं। इसी के साथ भगवान विष्णु के मंदिरों में पूजा स्थल पर जहां मूर्तियां रखी जाती हैं, भक्त पूजा अर्चना करते हैं देवताओं को नारियल, मिठाई, फल, केसर, फूल कुमकुम चढ़ाते हैं। इसके अलावा इस दिन भक्त नृसिंह जयंती का व्रत रखते हैं जो सूर्योदय के समय शुरू होता है अगले दिन के सूर्योदय पर समाप्त होता है।
इसी के साथ भक्त अपने व्रत के दौरान किसी भी प्रकार के अनाज का सेवन करने से परहेज करते हैं। कहा जाता है इस दिन देवता को प्रसन्न करने के लिए भक्त पवित्र मंत्रों का पाठ करते हैं। इसी के साथ इस दिन जरूरतमंदों को तिल, कपड़े, भोजन कीमती धातुओं का दान करना शुभ माना जाता है। अगर आप भी यह सब करते हैं तो आपको 1000 यज्ञों के बराबर का फल मिलता है और इसके अलावा सभी कष्टों शत्रुओं का सर्वनाश हो जाता है।
इस वजह से केदारनाथ यात्रा के बिना पूरी नहीं होती बद्रीनाथ धाम की यात्रा