व्यापमं. घोटाले में डॉ आर्य की मौत से मामला गंभीर
व्यापमं. घोटाले में डॉ आर्य की मौत से मामला गंभीर
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इंदौर : बड़े पैमाने पर मध्यप्रदेश में सामने आए व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले में हाल ही में एक और नई जानकारी सामने आने के बाद मामला फिर गरमा गया है। इस मामले में यह बात सामने आई है कि भर्ती घोटाले से संबंध रखने वाले आरोपी नरेंद्र कैलाश सिंह तोमर की पुलिस अभिरक्षा में जेल में ही मौत हो गई। मामले को लेकर कहा जा रहा है कि नरेंद्र की मौत बेहद संदिग्ध है। दूसरी ओर नरेंद्र के भाई ने इस घटना पर कहा है कि उनके भाई की मौत एक साजिश हो सकती है। मामले को लेकर उनके परिजन द्वारा इस मौत की सीबीआई जांच करवाए जाने की मांग की गई है। तो दूसरी ओर घोटाले के 42 वें आरोपी के तौर पर आरोपी राजेंद्र आर्य की मौत हो जाने से मसला और भी गंभीर हो गया है। दोनों ही मौतें तबियत बिगड़ने से हुई हैं। जिसके बाद इन मौतों को लेकर संदेह जताया जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले के 41 वें आरोपी के तौर पर नरेंद्र सिंह तोमर उम्र 30 वर्ष ने भी अन्य 40 आरोपियों की तरह आखिरकार दम तोड़ दिया। पुलिस अभिरक्षा में हुई इस मौत को बेहद गंभीर माना जा रहा है लेकिन इससे ऐसा लग रहा है जैसे व्यापमं. घोटाले को मौतों के ज़रीए ही निपटा लिया जाएगा। हालांकि अभी तक स्पष्टतौर पर इन मौतों और घोटाले की कडि़यों को नहीं जोड़ा जा सका है लेकिन मामलों को लेकर संदेह भी जताए जा रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार जिला जेल अधीक्षक आरसी भाटी द्वारा मुरैना के पोरसा गांव में नरेंद्र पिता कैलाश सिंह तोमर को 24 फरवरी को जिला जेल में लाया गया। इसके विरूद्ध व्यावसायिक परीक्षामंडल द्वारा परीक्षा में सल्वर के तौर पर किसी और के नाम पर परीक्षा में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।

मामले को लेकर यह बात सामने आई है कि शनिवार को इस आरोपी नरेंद्र सिंह की तबियत खराब हो गई थी। जिसके बाद इस बात की सूचना जेल अधिकारियों को दे दी गई। आरोपी को जेल में ही प्राथमिक उपचार दिया गया लेकिन उसकी तबियत ठीक नहीं हुई। जब उसे एमवाय चिकित्सालय भेजा गया तो उसने दम तोड़ दिया। नरेंद्र के भाई विक्रम सिंह तोमर का मानना है कि वह उसके भाई से 26 जून को ही मिला था। वह पूरी तरह से स्वस्थ्य था। मामले में जेल प्रशासन द्वारा दिल का दौरा पड़ने की बात कही गई है। जबकि परिवार द्वारा कहा गया है कि घर में किसी को भी दिल की बीमारी नहीं है। इस तरह हुई 40 मौतों के बाद यह बात सामने आ रही है कि व्यापमं. घोटाले के आरोप में जेल में बंद पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, खनिज माफिया सुधीर शर्मा, डीमेट घोटाले के मास्टर माईंड यूसी उपरीत की सुरक्षा बढ़ाई जाना जरूरी है।

यही नहीं व्यापमं. मामले में एक अन्य आरोपी राजेंद्र आर्य की मौत हो जाने से इस मामले में एक और पेंच फंस गया है। मामले में कहा गया है कि गजराराजा मेडिकल काॅलेज के 2008 बैच के विद्यार्थी विश्वनााि गुर्जर और गौरव चैधरी के स्थान पर पीएमटी में साॅल्वर को प्रवेश दिलवाया गया था। जिसके बाद उन्हें पकड़ लिया था। मामले में सागर मेडिकल काॅलेज में पदस्थ चिकित्सक राजेंद्र आर्य भी जमानत पर छोड़ दिए गए थे। मगर कोटा में जाने के दौरान उनकी तबियत खराब हुई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उनकी मौत हो गई।

 
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