सियोल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय विकास के साथ समावेशी एशियाई सदी की अपनी दृष्टि पेश की और दक्षिण कोरिया के कारोबारियों को बढ़चढ़ कर भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। मोदी ने सुबह छठे एशियाई नेतृत्व मंच और भारत-आरओके सीईओ मंच को संबोधित किया और दक्षिण कोरिया की प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से बातचीत भी की। मोदी दक्षिण कोरिया की प्रमुख जहाज निर्माण कंपनी ह्युंडई हैवी इंडस्ट्रीज शिपयार्ड के उल्सान स्थित परिसर में पहुंचे, जहां वह एक घंटे रुके। मोदी ने मंगलवार को दक्षिण कोरिया की कई प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से मुलाकात की, जिनमें एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के किम जिन-होंग और पॉस्को के प्रमुख किम जिन-इल तथा ह्युंडई मोटर कंपनी के चुंग जिनहेंग भी शामिल थे।
मोदी ने सोमवार को दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे से वार्ता की, जिसके बाद दोनों पक्षों ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें दोहरा कराधान निवारण समझौता भी शामिल है। दक्षिण कोरिया ने स्मार्ट शहर और रेलवे जैसी प्रमुख भारतीय अवसंरचना परियोजनाओं के लिए एक कोष गठित कर उसमें 10 अरब डॉलर देने की भी पेशकश की। एशियाई नेतृत्व मंच को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत इस क्षेत्र के लिए उम्मीद की एक नई किरण है और भारत के विकास से एशियाई सपने को साकार करने में मदद मिलेगी।
मोदी ने कहा कि एशिया को तब अधिक सफलता मिलेगी, जब संपूर्ण एशिया मिलकर विकास करेगा। उन्होंने कहा, "आपसी होड़ से एशिया पिछड़ जाएगा और एशिया की आपसी एकता से दुनिया को एक नया रूप मिलेगा।" बाद में भारत-कोरिया गणराज्य (आरओके) सीईओ मंच को संबोधित करते हुए मोदी ने कोरियाई लोगों की उद्यमिता की सराहना की। मोदी ने कहा कि भारत और दक्षिण कोरिया के आपसी व्यापार को बढ़ाने की काफी गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि भारत के सॉफ्टवेयर उद्योग और कोरिया के हार्डवेयर उद्योग में सहयोग की अपार संभावना है।
मोदी ने कहा, "आपकी कार निर्माण क्षमता और हमारी डिजाइन क्षमता को मिलाया जा सकता है। आपकी इस्पात उत्पादन क्षमता ओर हमारे लौह अयस्क संसाधन को मिलाया जा सकता है। आपकी जहाज निर्माण क्षमता और बंदरगाह आधारित विकास की हमारी योजना हमारे विकास को गति दे सकती है।" इस मंच में राष्ट्रपति पार्क ने कहा, "मोदीनॉमिक्स और कोरिया की 3.0 आर्थिक योजना मिलकर वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति दे सकता है।" पार्क ने विनिर्माण, सृजनात्मक अर्थव्यवस्था और नवीन ऊर्जा उद्योग में दोनों देशों के पारस्परिक सहयोग का प्रस्ताव रखा।
सियोल से उल्सान पहुंचे मोदी ने ह्युंडई शिपयार्ड के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। यह दुनिया की सबसे बड़ी जहाज निर्माण कंपनियों में से एक है। मोदी ने ह्युंडई के अध्यक्ष किल सियोन चोई से कहा, "जहाज निर्माण हमारी शीर्ष प्राथमिकता है।" मोदी ने शिपयार्ड परिसर में भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात की। मोदी ने सोमवार को दक्षिण कोरिया की कंपनियों को भारत में और खास तौर से जहाज निर्माण में निवेश के लिए आमंत्रित किया था, जिसमें एलएनजी टैंकर भी शामिल है।
दोनों देश जहाज निर्माण क्षेत्र में एक संयुक्त कार्य समूह गठित करने वाले हैं। उन्होंने दक्षिण कोरिया में फ्रेंड ऑफ इंडिया संगठन से मुलाकात की और उसके सदस्यों को दोनों देशों के रिश्ते मजबूत करने में मदद करने के लिए धन्यवाद दिया। मोदी ने संगठन के सदस्यों को 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में हिस्सा लेने के लिए उत्साहित किया। मोदी गिमहे अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से भारत वापसी के लिए रवाना हुए, जहां वे उल्सान जाने के लिए सुबह पहुंचे थे। भारत के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया की यात्रा काफी संतोषजनक रही।
उन्होंने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए दक्षिण कोरिया के लोगों और सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पार्क के साथ उनकी मुलाकात काफी फलदायी रही। उन्होंने कहा, "भारत-दक्षिण कोरिया सहयोग को मजबूत करने से संबंधित कई पहलुओं पर चर्चा हुई।" उन्होंने कहा, "मैं इस विश्वास के साथ जा रहा हूं कि हमारा संबंध और मजबूत होगा और हमारे संबंधों का लाभ हमारी जनता को मिलेगा।" मोदी ने 14-19 मई की अपनी तीन देशों की यात्रा में इससे पहले चीन और मंगोलिया की भी यात्रा की थी।