नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां रेड टेप टू रेड कारपेट एंड देन सम नामक पुस्तक का विमोचन करते हुए अपने विचार प्रकट किये. पुस्तक आस्ट्रेलियाई खनन कंपनी हैनकॉक प्रॉस्पेक्टिंग ग्रुप की चेयरपर्सन जाइना रिनेहार्ट द्वारा लिखी गयी है. प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं मानता हु कि मानव स्वाभाविक रूप से अच्छा होता है. उसे अपनी पसंद चुनने की स्वतंत्रा होनी चाहिए. यह हमारे उन कदमों का आधार है जो हमने भारत में नियामकीय माहौल आसान करने की दिशा में बढ़ाये है.
मेरे लिए अब तक का सबसे महत्वपूर्ण सुधार विभिन्न गतिविधियों में स्वःप्रमाणन की स्वीकृति प्रदान करना है. हमने विद्यार्थियों से उद्यमियों तक को दस्तावेजों व प्रक्रियाओं के स्वतः सत्यापन की स्वीकृति प्रदान की है." मोदी ने कहा, कुछ लोगों की गलती की सजा हम सभी पक्षों को नहीं दे सकते, इसलिए कंपनियों सहित नागरिकों पर भरोसा हमारे सुधारों का मूल है.
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस किताब ने उन्हें उनका एक पुराना वक्तव्य याद दिला दिया कि "लोक प्रशासन की समस्या उस दिन समाप्त हो जाएगी जब राजनेता "न" और नौकरशाह "हां" कहना शुरू कर देंगे."