उन्नत भारत की मजबूत नींव के नाम सरकार का एक साल
उन्नत भारत की मजबूत नींव के नाम सरकार का एक साल
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संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के लगातार 10 वर्षों के कार्यकाल में तेजी से सामने आ रहे घोटालों से देश तंग आ चुका था। दिल्ली, मुंबई और देश के विभिन्न शहरों पर लगातार बलात्कार की घटनाऐं सामने आ रही थीं। डाॅलर की तुलना में रूपया धड़ाम गिर रहा था। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अच्छे दिन आने वाले हैं, के जादुई नारे और चाय की चुस्कियों के साथ लोगों के दिलों में जगह बनाई। आखिरकार जनता ने अपना निर्णय दिया और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार अस्तित्व में आई। इस सरकार के पास सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि मोदी से लोगों को वाईब्रेंट गुजरात की सफलता जैसी उम्मीद थी तो दूसरी ओर देश भ्रष्टाचार, अराजकता, आतंकवाद और कितनी ही समस्याओं से घिरा हुआ था।

खाली राजकोष भरने की पहल 

सरकार का राजकोष लगभग खाली हो चुका था और कोल ब्लाॅक के काले साये में कई सारी खदानें बंद कर दी गई थीं। विकास करने के लिए सरकार को राजस्व की बहुत जरूरत थी। सवाल यह था कि सरकार आखिर राजस्व लाए तो लाए कहां से। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इनके सहयोगियों के कुशल नेतृत्व से प्रधानमंत्री जनधन योजना की शुरूआत हुई और गरीब तबके को बैंकिंग के माध्यम से जोड़ा गया। इस व्यवस्था से लोगों में बचत की आदत विकसित हुई और सरकार के लिए राजकोष व्यवस्थित करने का माध्यम सामने आया।  

स्वच्छ नागरिकता का निर्माण 

भारत को पर्यटन के नज़रिए से अतुल्य माना जाता है। हर वर्ष यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं लेकिन ये पर्यटक यहां की नदी सभ्यताओं को कूड़े के बीच दमतोड़ते देख यहां से दूर हटने लगते हैं। मगर राजग सरकार ने इस दिशा में स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से अनुकरणीय पहल की है। प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत कर और इस अभियान से सेलिब्रिटिज़ को जोड़कर एक अनुकरणीय पहल की है। हालांकि अभी भी कचरे का समुचित निपटान देश के लिए एक समस्या बनी हुई है लेकिन मोदी ने सभी में जनजागृति जगाकर लोगों को कचरा प्रबंधन को लेकर प्रेरीत किया है।

मजबूत हुई वैश्विक साख

बीते कई दौर ऐसे थे जब भारत को योरप और अमेरिका यथोचित स्थान नहीं देते थे। यही नहीं यूएन देशों में भी भारत की स्थायी सदस्यता पर मित्र राष्ट्र समर्थन नहींे कर पा रहे थे। मगर नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से भारतीय बाजार की मार्केटिंग अपने विदेशी दौरों में की उससे सभी ने माना कि भारत एशिया के दमदार टाईगरों में से एक है। मोदी ने जिस तरह से ब्रिक्स बैंक का काॅंसेप्ट दिया उससे भारत की हर कहीं सराहना की गई। इससे मित्र राष्ट्रों को अपने विकास के लिए फंडिंग करने में मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। यदि दुनिया को अपना अर्थतंत्र मजबूत करना है तो उसके लिए उसका रास्ता भारतीय बाजार से ही होकर गुजरता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान, चीन से बुलेट ट्रेन के लिए जो करार किए हैं वह भविष्य के विकसित भारत को रूपांकित करते प्रतीत हो रहे हैं।

हालांकि विरोधी राजग सरकार के कार्यों की समीक्षा करने में सक्रिय हैं। विरोधियों का कहना है कि सभी काम मोदी कर लेंगे तो फिर शेष की जरूरत क्या है। मगर जिस तरह से सरकार ने दिल्ली में ई रिक्शा को प्रारंभ कर परिवहन के नए साधन को विकसित किया है वह सराहनीय है। ई-  रिक्शा के माध्यम से सरकार ने रोजगार को बढ़ाया है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अगुवाई में सेना को नए साजो सामान से लैस किया जा रहा है साथ ही अब भारत स्वदेश में सैन्य उपकरण बनाने को लेकर आगे बढ़ा है। स्पेस के बाद देश के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने से देश को रक्षा बजट का प्रबंध करने में आसानी होगी । इससे राष्ट्र के विकास के लिए फंडिंग करने में सुविधा होगा।

भविष्य के लिए बेहतर नींव

हालांकि देश अभी भी महंगाई की मार से परेशान है लेकिन अपने एक वर्ष के कार्यकाल में संभवतः सरकार खाली खजाने को भरने का प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना रोजगार सृजन की दिशा में एक नई बात है। रेलवे का आधनिकीकरण वर्षों बाद होने और रेलवे की फ्रेट सेवाओं पर ध्यान देने से रेल राजस्व बढ़ाने को लेकर सरकार ने काम किया है जो कि अगले पांच सालों की दिशा तय करने का काम कर सकता है। हालांकि आम आदमी के तौर पर सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल मिलाजुला रहा है लेकिन सरकार के निर्णय भारत के भविष्य को स्वर्णिम शिखर तक पहुंचाने वाले हैं।

 

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