कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस दिन को नरक चौदस, नरक चतुर्दशी तथा रूप चतुर्दशी जैसे नामों से जाना जाता है। ज्योतिषाचार्य की मानें तो नरक चतुर्दशी के दिन देवी लक्ष्मी की बड़ी बहन अलक्ष्मी को घर से बाहर भेजा जाता है। तत्पश्चात, दीवाली के दिन देवी लक्ष्मी का घर में आगमन होता है।
शास्त्रों में अलक्ष्मी देवी का निवास निर्धनता, क्लेश एवं गंदगी के बीच बताया गया है। उन्हें दुर्भाग्य की देवी बोला जाता है। जहां अलक्ष्मी का वास करती हैं, वहां लक्ष्मी कभी नहीं आतीं। मां लक्ष्मी को बुलाने के लिए अलक्ष्मी को भेजना आवश्यक है। इसलिए रूप चतुर्दशी के दिन घर की साफ सफाई करके देवी अलक्ष्मी को घर से विदा किया जाता है। इस बार नरक चौदस 3 नवंबर दिन बुधवार को है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन प्रत्येक मनुष्य को तीन काम अवश्य करने चाहिए। आप भी जानिए इन कामों के बारे में।
ये तीन काम अवश्य करें:-
1- घर से कबाड़ बाहर निकालें:-
नरक चौदस के दिन घर की अच्छे से साफ सफाई करनी चाहिए। इस दिन घर के प्रत्येक कोने की सफाई करें तथा घर का पूरा कबाड़ बाहर निकाल दें।
2- शरीर पर तेल और उबटन लगाना:-
घर के प्रत्येक सदस्य को उबटन आदि लगाकर शरीर की अच्छी प्रकार सफाई करनी चाहिए।
3- यमदीप जलाना:-
नरक चौदस के दिन शाम के वक़्त चार बत्ती वाला मिट्टी का दीया जलाना चाहिए। ये दीया यमराज को समर्पित होता है।
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