दीपावली त्योहार के एक दिन पहले नर्क चतुर्दशी मनाई जाती है। यह शनिवार 29 अक्टूबर को है। ज्योतिष शास्त्र में चतुर्दशी का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन न केवल सूर्योदय के पहले स्नान करने का विधान है वहीं शाम के समय दीपदान करने से भी पितरों को शांति मिलती है।
ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि नरक चतुर्दशी पर सूर्योदय के पूर्व स्नान करने से नरक का भय दूर होता है। इसलिये विधि विधान के साथ सूर्योदय के पहले स्नान करना चाहिये। इसके अलावा स्नान के बाद पूजन अर्चन और शाम के समय दीपदान करने का भी विधान शास्त्रों में उल्लेखित है।
दीपदान पितरों की शांति के लिये होता ही है तो वहीं नरक जाने का भी भय समाप्त हो जाता है। इस तिथि पर यमराज की पूजन करने का भी विधान शास्त्रों में बताया गया है।
इस वक्त करें स्नान
शनिवार को सूर्योदय के पूर्व 5.30 बजे से 6.30 बजे तक स्नान करने का शुभ मुर्हूत है। जबकि दीपदान के लिये सुबह 6.30 बजे से 7 बजे तक तथा शाम 6 से 7 बजे तक के लिये श्रेष्ठ मुर्हूत है।