रियो में स्वर्ण जीतना मेरा लक्ष्य : मेरीकॉम
रियो में स्वर्ण जीतना मेरा लक्ष्य : मेरीकॉम
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मुंबई : पांच बार विश्व चैम्पियन रह चुकीं स्टार भारतीय महिला मुक्केबाज एम. सी. मेरीकॉम ने कहा है कि अगले वर्ष होने वाले रियो ओलम्पिक में उनका एकमात्र मकसद स्वर्ण पदक हासिल करना है और इसके लिए वह शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रतिबद्ध हैं। मेरीकॉम रियो ओलम्पिक के बाद संन्यास ले लेंगी और उसके बाद वह युवा मुक्केबाजों को प्रशिक्षण और अपने अनुभव का लाभ देना चाहती हैं।

मेरीकॉम देश की एकमात्र मुक्केबाज हैं, जिनके जीवन पर फिल्म बन चुकी है। लंदन ओलम्पिक-2012 की फ्लाईवेट (51 किलोग्राम) स्पर्धा में कांस्य पदक विजेता मेरीकॉम ने रियो ओलम्पिक के बाद संन्यास की घोषणा कर दी है। मेरीकॉम ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, "मैं अपनी पुरानी लय में लौट चुकी हूं तथा मानसिक और शारीरिक तौर पर पूरी तरह तैयार हूं। इस बार मेरा पूरा ध्यान स्वर्ण पदक हासिल करने पर है और ऐसा करते हुए मैं देशवासियों की उम्मीदों को पूरा करूंगी।" 

उन्होंने कहा, "मैं युवा खिलाड़ियों को अपने अनुभव का लाभ देते हुए देश को कई मेरीकॉम देना चाहती हूं।" मणिपुर निवासी मेरीकॉम इन दिनों बेंगलुरू में विश्व चैम्पियनशिप-2016 की तैयारी कर रही हैं, जो रियो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट भी है। उन्होंने कहा कि विश्व चैम्पियनशिप काफी चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि पूरी दुनिया के मुक्केबाज रियो ओलम्पिक में जगह सुनिश्चित करना चाहेंगे। उन्होंने कहा, "यह टूर्नामेंट रियो ओलम्पिक में हमारी क्वालीफिकेशन तय करेगा। पूरी दुनिया की मुक्केबाजों के लिए यह क्वालीफाईंग टूर्नामेंट है। विश्व चैम्पियनशिप मानसिक, शारीरिक और तकनीकी रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण होगा।" लंदन ओलम्पिक में कांस्य जीतने के बाद मेरीकॉम एक बेटी की मां भी बनीं और लंबे अंतराल के बाद पिछले वर्ष प्रशिक्षण के लिए लौटीं।

पिछले वर्ष हुए राष्ट्रमंडल खेलों में वह प्रवेश नहीं पा सकीं, लेकिन उसके बाद जबरदस्त वापसी करते हुए उन्होंने अक्टूबर, 2014 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया और ऐसा करने वाली पहली भारतीय बनीं। इतने अंतराल के बावजूद खुद को फिट रखने के सवाल पर उन्होंने कहा, "यह चमत्कार ही है कि कई ऑपरेशन के बाद भी मैं पूरी तरह फिट हूं और कठिन प्रशिक्षण तथा प्रतिस्पर्धी मुक्केबाजी में हिस्सा ले सकती हूं। सारा श्रेय ईश्वर को जाता है, जिन्होंने मेरे सारे घाव भर दिए। इसमें मेरे विश्वास और कभी भी हार न मानने की प्रतिबद्धता का भी योगदान है।"

मेरीकॉम ने संन्यास के बाद मुक्केबाजी के लिए पूर्ण सुविधायुक्त स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए सरकार और उद्योग जगत से मदद की अपील भी की।  उन्होंने कहा, "मैं एक पूर्ण सुविधायुक्त स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनवाना चाहती हूं, जिसमें विश्व स्तरीय सुविधाएं हों, 50 लड़कियों और 50 लड़कों के रहने की सुविधा हो, ताकि वे अन्य जरूरतों और जिम्मेदारियों की बजाय अपना पूरा ध्यान अपने प्रशिक्षण पर दे सकें।

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