मुंबई के पूर्व कमिश्नर की कंपनी पर जासूसी का आरोप, ED को मिले सबूत
मुंबई के पूर्व कमिश्नर की कंपनी पर जासूसी का आरोप, ED को मिले सबूत
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मुंबईः नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की मैनेजिंग डायरेक्टर रहीं चित्रा रामकृष्ण से जुड़े नए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नया खुलासा हुआ है। जी दरअसल एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि, 'प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पता चला है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय से संबंधित एक कंपनी ने एनएसई के कम से कम 91 पदाधिकारियों की कथित तौर पर जासूसी की थी।' इस मामले में अब यह आरोप है कि चित्रा रामकृष्ण के निर्देश पर इतनी बड़ी संख्या में एनएसई के अफसरों के फोन टैप किए गए थे। जी दरअसल ईडी ने इस मामले में बीते गुरुवार को संजय पांडेय और चित्रा के खिलाफ केस दर्ज किया है।

वहीं सामने आने वाली रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि चित्रा के निर्देश पर पांडेय की कंपनी ने फोन टैपिंग की थी। इस मामले में चित्रा से पूछताछ की जा रही है। हम पता लगा रहे हैं कि इतने सारे एनएसई अधिकारियों के फोन टैप कराने के पीछे क्या वजह थी। इसके अलावा रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि ईडी को ऐसे दस्तावेजी और इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिले हैं कि संजय पांडेय की कंपनी iSec सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने एनएसई के 91 अधिकारियों के फोन टैप किए थे। वहीं दूसरी तरफ एजेंसी को ट्रांसक्रिप्ट और वॉइस रिकॉर्डिंग भी मिली हैं, जिनमें ज्यादातर बातचीत एनएसई के कामकाज और स्टॉक्स से जुड़ी सूचनाओं को लेकर हुई थी। इसी के साथ आपको यह भी बता दें कि iSec कंपनी मार्च 2001 में स्थापित की गई थी और उस वक्त संजय पांडेय सर्विस में नहीं थे। वहीं उन्होंने साल 2006 में निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था और अपनी मां संतोष और बेटे अरमान को निदेशक बना दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी के एक अन्य अधिकारी ने दावा किया कि इस्तीफे के बावजूद कंपनी को पांडेय ही चला रहे थे।

वहीं पता चला है कि iSec और एनएसई के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई लगभग सारी बातचीत पांडेय के ईमेल के जरिए की गई थी। इसी के साथ ईडी ने साल 2018 के एनएसई गड़बड़ी मामले में 5 जुलाई को संजय पांडेय से पूछताछ की थी और यह फोन टैपिंग से अलग मामला है, जिसमें एनएसई अफसरों की मिलीभगत से को-लोकेशन सुविधा में हेरफेर करके कुछ ब्रोकर्स ने मोटी रकम कमाई थी। आपको बता दें कि ईडी का मौजूदा केस सीबीआई की एफआईआर के आधार पर दर्ज किया गया है, जिसमें संजय पांडेय, उनकी कंपनी, चित्रा रामकृष्ण और अन्य को आरोपी बनाया गया है।

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