MSME सेक्टर के बल पर भारतीय अर्थव्यवस्था में आ सकती है तेजी
MSME सेक्टर के बल पर भारतीय अर्थव्यवस्था में आ सकती है तेजी
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लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच सूक्ष्म, लघु व मझोली कंपनियों (MSME) की तरलता की दिक्कत धीरे-धीरे खत्म हो रही है. सरकार इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) के तहत इस सेक्टर की वित्तीय दिक्कतों को जल्द से जल्द दूर करने के सभी संभव प्रयास कर रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने एक ट्वीट में बताया कि ईसीएलजीएस के तहत सरकारी व निजी बैंकों ने पहली जुलाई तक 1,10,343.77 करोड़ रुपये के कर्ज आवंटित कर दिए हैं. इससे 52 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज का वितरण भी हो चुका है.

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ट्वीट के अनुसार 100 प्रतिशत ईसीएलजीएस के तहत पहली जुलाई को खत्म छह दिनों में ही एमएसएमई सेक्टर के कर्ज आवंटन में 10,000 करोड़ रुपये का इजाफा दर्ज किया गया. इन छह दिनों में कर्ज वितरण में भी 7,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आर्थिक पैकेज में ईसीएलजीएस की सबसे अधिक हिस्सेदारी है. 

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि एमएसएमई सेक्टर को कर्ज मिलने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए वित्त मंत्री और मंत्रालय नियमित अंतराल पर बैंकों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं. इस पैकेज का मकसद 30 लाख से अधिक छोटी-मझोली कंपनियों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद कारोबार दोबारा शुरू करने में होने वाली वित्तीय दिक्कतों से निजात दिलाना है.

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