कास्ट---रितेश देशमुख, विवेक ओबेरॉय, आफताब शिवदसानी , उर्वशी रौतेला, पूजा बनर्जी, मिष्टी, श्रद्धा दास
डायरेक्ट---इन्दर कुमार
प्रोड्यूसर---समीर नायर, अमन गिल, अशोक ठकेरिया, श्री अधिकारी ब्रदर्स ,आनंद पंडित
म्यूजिक---शारिब-तोषी, शान और संजीव दर्शन
जॉनर---एडल्ट कॉमेडी
बॉलीवुड के मशहूर निर्देशकों में शामिल निर्देशक इन्दर कुमार ने अपने डायरेक्शन के करियर में जहां एक तरफ 'दिल' 'बेटा' 'राजा' जैसी लव स्टोरीज बनाई हैं तो वहीं मस्ती सीरीज की एडल्ट फिल्में भी डायरेक्ट की हैं, इनकी पिछली दो फिल्मों ने तो बॉक्स ऑफिस पर अच्छा धंधा किया, क्या 'ग्रेट ग्रैंड मस्ती' में भी है वही दम?
कहानी...
यह कहानी डॉक्टर अमर (रितेश देशमुख) , प्रॉपर्टी एजेंट प्रेम चावला (आफताब शिवदासानी ) और होटल मैनेजर मीत मेहता (विवेक ओबेरॉय) की है, जो अपनी घरेलू लाइफ से बिल्कुल खुश नहीं हैं, और सौभाग्य से इन तीनो को शहर छोड़कर गांव जाने का मौक़ा मिलता है, जहां जाकर ये एक हवेली को बेचने की जुगत में लगते हैं। साथ ही गांव की लड़कियों पर अपना चांस मारने की कोशिश करने लगते हैं, लेकिन उनके इर्द-गिर्द तरह-तरह की घटनाएं घटने लगती हैं। हवेली के भीतर उन्हें रागिनी (उर्वशी रौतेला) का सामना करना पड़ता है, जिसकी खुद की भी एक अलग कहानी है और आखिरकार जो होता है, उसे जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी पड़ेगी।
डायरेक्शन...
फिल्म का डायरेक्शन ठीक-ठाक है और हरेक जगह पर फोर्स्ड कॉमेडी सामने उभरकर आती है। हालांकि तुषार हीरानंदानी की स्टोरी की सोच ही बस अच्छी थी, उसे स्क्रीनप्ले पर उतार पाने में मधुर शर्मा और आकाश कौशिक असमर्थ से जान पड़ते हैं। फिल्म की शुरुआत काफी ठंडी है और इंटरवल के बाद तो टीवी सीरियल जैसा दिखाई पड़ती है, टिपिकल करवा चौथ और तरह-तरह की घटनाएं घटने लगती हैं, जो बिल्कुल ही सेंसलेस सी होती हैं। कहानी को और भी बेहतर किया जा सकता था।
स्टारकास्ट की परफॉर्मेंस...
फिल्म में रितेश देशमुख, संजय मिश्र, उषा नादकर्णी और श्रद्धा दास का काम काफी उम्दा है, वहीं विवेक ओबेरॉय, आफताब शिवदसानी, उर्वशी रौतेला ने ठीक काम किया है बाकी सह कलाकारों का काम भी अच्छा है।
फिल्म का म्यूजिक...
फिल्म का म्यूजिक तो ठीक है लेकिन बार-बार आ आकर यह कहानी को काफी कमजोर बना देता है और उसकी स्पीड काफी प्रभावित होती है।