"इक दिन सब ठीक हो जायेगा
मैं कहता हूँ,सब ठीक हो जायेगावो कश्ती भी ठीक होगी,वो तूफां भी जायेगा
भले ही लंबा हो सफ़र,पर किनारा भी आएगा"
ज़िंदगी, कुछ लोग इसे एक पहेली की तरह मानते है वहीं कुछ लोग ज़िंदगी को खुलकर जीने में यकीन रखते है. आज का जीवन भागदौड़ का जीवन. हम रुकते नहीं है, हम थमते नहीं, हम लगातार बहते रहते है. कभी-कभी हम खुद नहीं जानते कि हम कहाँ जा रहे है. एक वक़्त के इंसान कब दुःख और उदासियों के दलदल में धंसते चले जाता है, हमें पता नहीं चलता.
"वो काली रात का चाँद भी डूब जायेगा
और प्यारा सा सवेरा फिर आएगामत हार राही अगर हो रहा कमजोर
तो छोड़ दे समय पर"
इन दुःख और उदासियों के ढेर पर बैठा इंसान फिर भी लगातार बहते रहता है, और कब डिप्रेशन और अवसाद के गहरे मलबे में दब जाता है वो खुद नहीं जानता है, ऐसा ही आज के युवाओं के साथ हो रहा है. आज का युवा का इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में तमाम तरह की मुश्किलों से घिरे रहता है. कभी पैसा, कभी प्यार, कभी घर की कुछ दिक्कतें, कभी परिवार का टेंशन और न जाने क्या-क्या.
"अगर बुरा है समय तो वो भी गुज़र जायेगा
और जैसा तू चाहता है,वो समय फिर आएगा
इक दिन सब ठीक हो जायेगा"
आज के युवाओं के लिए ये सब कुछ कॉमन सा हो गया है, हालाँकि युवा जिन चीजों के लिए हद से ज्यादा टेंशन लेता है और डिप्रेशन में चला जाता है वो सब कुछ काल्पनिक ही होता है, अधिकतर युवाओं के लिए मुश्किलें आती नहीं बल्कि वो खुद मुश्किलों को अपने पास बुलाता है और फिर उसमें धंस जाता है.
"अगर है काँटा राह में,तो चलजा उस पर
वो काँटा भी फूल बन जायेगा
काँटो को फूल बनाते तू इक दिन मंज़िल जरूर पायेगा"
कुछ लोग तरक्की, नौकरी और पैसे का टेंशन लेते-लेते इस हद तक अवसाद में चले जाते है जिस पर यकीन कर पाना मुश्किल होता है. इंसान की ज़िंदगी में पैसा, तरक्की सब कुछ एक समय के बाद हासिल हो ही जाता है बशर्ते आपने दिल से मेहनत की हो, अगर आप सोचते है कि बैठे-बैठे ज़िंदगी में सब कुछ हासिल होगा तो शायद आप अभी तक ज़िंदगी को ठीक से समझे नहीं है. ज़िंदगी में कुछ भी मुश्किल नहीं बशर्ते आप पूरी लगन से अपने लक्ष्य पर नजरे जमा कर रखें और पूरी ईमानदारी से उसके लिए मेहनत करे. यकीन मानिये एक दिन जीत आपकी ही होगी बाकी डिप्रेशन और अवसाद जैसी चीजें तो मात्र एक भ्रम है एक धोखा है.