अमेरिका : 100 से अधिक दक्षिण एशियाई आव्रजक भूख हड़ताल पर
अमेरिका : 100 से अधिक दक्षिण एशियाई आव्रजक भूख हड़ताल पर
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वाशिंगटन : अमेरिका के अलाबामा और कैलिफोर्निया के बंदीगृहों में रखे गए 110 आव्रजकों ने अपनी अनिश्चितकालीन हिरासत के खिलाफ और केंद्रों की व्यवस्था में सुधार को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इन लोगों में अधिकांश का संबंध दक्षिण एशिया से है। जानकारी के अनुसार, अलाबामा की इटोवाह काउंटी, कैलिफोर्निया की ओरेंज काउंटी के थियो लेसी और कैलिफोर्निया के सैन डियागो के बंदीगृहों में आव्रजकों ने बुधवार से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। भूख हड़ताल पर बैठे अधिकांश लोगों का ताल्लुक बांग्लादेश से है। इनमें भारत, पाकिस्तान, नाइजीरिया, कैमरून, इथोपिया और टोगो के आव्रजक भी शामिल हैं।

न्यूयार्क स्थित संगठन डेसिस राइजिंग अप एंड मूविंग (डीआरयूएम) के कार्यकारी निदेशक फहद अहमद के मुताबिक, हिरासत में लिए गए लोग हिरासत के खात्मे और वापस स्वदेश भेजने के लिए आवाज उठा रहे हैं। यह संगठन दक्षिण एशियाई आव्रजकों के हित में काम करता है। अहमद ने कहा कि हड़तालियों की मांग कथित बेड कोटा के उन्मूलन की भी है, जिसके तहत आव्रजन अधिकारी किसी भी दिन औसतन 34000 लोगों को हिरासत में रख सकते हैं। जानकारी के अनुसार,कहा जा रहा है कि ये सभी आव्रजक शरण चाहते हैं और ये शरण की 'क्रेडिबल फीयर' समीक्षा प्रक्रिया में सफल साबित हुए हैं। हालांकि, इनमें से कुछ की अर्जियों को खारिज किया जा चुका है। 

क्रेडिबल फीयर अमेरिका की आव्रजन एवं सीमाशुल्क प्रवर्तन (आईसीई) नीति का वह प्रावधान है, जिसके तहत शरण चाहने वाला अगर यह साबित कर दे कि उसके अपने देश में उसे खतरा है, तो उसे उसके देश वापस नहीं भेजा जाएगा। इसे साबित करने वाले को हिरासत से मुक्त कर पैरोल पर छोड़े जाने का प्रावधान है।भूख हड़ताल पर बैठे अधिकांश बांग्लादेशी, बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) के समर्थक हैं। हाल ही में अमेरिका के घरेलू सुरक्षा विभाग ने इस पार्टी को तीसरे दर्जे का अनिर्दिष्ट आतंकी संगठन करार दिया है।ऐसी ही भूख हड़ताल लुसियाना के एल पासो में कर चुके कामरान अहमद ने कहा कि आईसीई ने बीएनपी से उनके संबंधों को गलत तरीके से समझा है, हमें नहीं मालूम कि वे हमें आतंकवादी क्यों कह रहे हैं? भूख हड़ताल पर बैठे लोगों की मांगों में बेहतर चिकित्सा सुविधा, साफ कपड़े और स्वच्छ भोजन तथा कम दमनकारी अनुशासन नीति भी शामिल है।

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