ताशकंद: एससीओ समिट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की इसमें औपचारिक एंट्री के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि भारत की मौजूदगी एससीओ के लिए खुशहाली का कारण बनेगी. भारत ने उफा समिट में सदस्यता के लिए आवेदन दिया थासाथ ही मोदी ने कहा उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र में नया देश नहीं है. ना ही ऐसा है कि हम केवल भौगोलिक दृष्टि से ही एक दूसरे के करीब हैं, बल्कि भारत के एससीओ में शामिल सदस्य देशों के साथ सालों से दोस्ताना संबंध रहे हैं।
इतिहास इस बात का साक्षी है. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि एससीओ की सीमाएं आज प्रशांत महासागर से लेकर यूरोप तक और आर्कटिक से लेकर भारतीय महासागर तक फैली है. इसमें शामिल सभी देश स्थिरता, सुरक्षा और विकास को लेकर एक दूसरे से अपने विचार और अनुभव बांटते आए हैं|
पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें एससीओ की काबलियत और इससे मिलने वाले फायदों को लेकर जरा भी संदेह नहीं है. न ही भारत इस संगठन के जरिए उर्जा, प्राकृतिक संसाधन और उद्योग के क्षेत्र में होने वाले फायदे पर जरा भी संदेह करता है. उन्होंने भारत को एक मजबूत अर्थव्यवस्था बताते हुए कहा कि यहां पर बाजार की अपार संभावनाएं है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमने हमेशा से ही दूसरे देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की बात कही है।