'मोदी है तो मनु है..', खड़गे को G20 डिनर में नहीं बुलाया तो कांग्रेस ने खेला 'जातिवादी' कार्ड, लेकिन भूल गई ये बात
'मोदी है तो मनु है..', खड़गे को G20 डिनर में नहीं बुलाया तो कांग्रेस ने खेला 'जातिवादी' कार्ड, लेकिन भूल गई ये बात
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चेन्नई: तमिलनाडु कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहन कुमारमंगलम ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को G20 गाला डिनर अतिथि सूची में शामिल न किए जाने को लेकर मोदी सरकार पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा, 'मोदी है तो मनु है।' कुमारमंगलम ने दावा किया कि प्रधान मंत्री मोदी, महर्षि मनु की विरासत को कायम रख रहे हैं, जो एक प्राचीन हिंदू ऋषि थे, जिन्हें मनुस्मृति की रचना करने का श्रेय दिया जाता है। बता दें कि, मनुस्मृति एक प्राचीन संस्कृत ग्रन्थ है, जिसे अक्सर 'हिंदू आचरण के लिए मार्गदर्शक' के रूप में वर्णित किया जाता है, हालांकि जाति आधारित भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए कई विद्वानों द्वारा इसकी आलोचना की गई है। उल्लेखनीय है कि, खड़गे के कार्यालय ने आज कहा है कि उन्हें शनिवार को राष्ट्रपति द्वारा आयोजित G20 डिनर में आमंत्रित नहीं किया गया था। 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस बात से भड़के हुए हैं। उन्होंने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना की और कहा कि, 'यह आपको बताता है कि वे विपक्ष के नेता को महत्व नहीं देते हैं और हमें G20 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया है। वे देश की जनसंख्या के 60 फीसद नेतृत्व को महत्व नहीं देते हैं।" इस संबंध में सूत्रों ने बताया है कि किसी अन्य राजनीतिक दल के किसी नेता को भी आमंत्रित नहीं किया गया है। G20 डिनर में सभी कैबिनेट और राज्य मंत्रियों और सभी मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। अब गौर करने वाली बात ये है कि, जब सभी मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण दिया गया है, तो इसमें कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल ही हैं। जैसे भूपेश बघेल, अशोक गहलोत, सुखविंदर सिंह सुक्खू, सिद्धारमैया आदि। यानी, कांग्रेस के ये नेता डिनर में शामिल होंगे, लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे के पास कोई संवैधानिक पद नहीं है, जिसके चलते उन्हें न्योता नहीं दिया गया है, जिससे राहुल गांधी नाराज़ दिख रहे हैं और धार्मिक भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि, दलित होने के कारण खड़गे को नहीं बुलाया गया, लेकिन शायद कांग्रेस यह भूल रही है कि, इस डिनर का आयोजन महामहिम द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में ही हो रहा है, जो खुद आदिवासी समुदाय से आती हैं। यहाँ तक कि, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को भी निमंत्रण दिया गया है, वे भी आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में ये धार्मिक भेदभाव वाली बात नहीं है, इसमें केवल मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है, किसी भी राजनेता को नहीं। यही वजह है कि, अतिथि सूची में खड़गे का नाम नहीं है। ये दुखद है कि, जिस समय दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष भारत आए हुए हैं, और देश एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करने जा रहा है, उस समय देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं, जो देश की छवि को धूमिल कर सकते हैं

बता दें कि, पूर्व प्रधानमंत्रियों डॉ. मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी आमंत्रित किया गया है।  इसके साथ ही बिहार के नीतीश कुमार, झारखंड से हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी, तमिलनाडु से एमके स्टालिन, दिल्ली से अरविंद केजरीवाल और पंजाब से भगवंत मान उन मुख्यमंत्रियों में से हैं, जो पुष्टि कर चुके हैं कि वे रात्रिभोज समारोह में शामिल होंगे। बाकी मुख्यमंत्रियों की तरफ से अभी जवाब नहीं आया है। सभी आमंत्रित अतिथियों को कल शाम पौने छह बजे संसद भवन पहुंचने को कहा गया है। वहां से उन्हें भारत मंडपम तक ले जाने और वापस लाने के लिए विशेष परिवहन व्यवस्था की गई है। VVIP मूवमेंट और यातायात प्रतिबंधों के कारण ऐसा किया गया है। आमंत्रित अतिथियों का काफिला भारत मंडपम तक नहीं जाएगा। 

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