पुणे: आज के इस दौर में ऐसा कोई भी नहीं है जो जुर्म कि सच्ची घटनाओं से वाकिफ न हो वहीं हाल ही में ऐसा ही एक और मामला सामने आया है पुणे के डीआईजी निशिकांत मोरे के खिलाफ छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराने वाली नाबालिग लड़की सोमवार रात से अपने मुंबई स्थित घर से लापता है. परिजनों ने उसके लापता होने का मामला दर्ज कराया है. घर से लड़की का एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने डीआईजी के दबाव में आत्महत्या करने की बात लिखी हुई है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में डीआईजी मोरे पुणे स्थित मोटर वाहन विभाग में तैनात हैं. उन्होंने पीड़िता के आरोपों को निराधार बताया है. पुलिस के अनुसार पीड़िता सोमवार रात के 11.30 बजे से घर से लापता है. नोट में पीड़िता ने लिखा, 'आप सभी के अपमान के लिए मैं माफी मांगती हूं, मुझे मत ढूंढना. मैं अब नहीं मिलूंगी और न इस जिंदगी में रहना चाहती हूं. इसीलिए मेरे बिना जीना सीख लेना.' पीड़िता और डीआईजी के परिवार के बीच पारिवारिक संबंध थे. इसके अलावा दोनों परिवारों में संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है. पुलिस के अनुसार पीड़िता ने पत्र में ट्रेन के नीचे आकर जान देने की बात लिखी है. पत्र में पीड़िता ने डीआईजी को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया है. पत्र में लड़की ने 6 जनवरी की रात 12 बजे का समय लिखा है.
जानकारी के लिए हम बता दें कि सुसाइड नोट मिलने के बाद 60 पुलिसकर्मी लड़की की तलाश में जुट गए. यह मामला पहली बार 26 दिसंबर 2019 को सामने आया था. पीड़िता ने पॉक्सो कानून के तहत डीआईजी मोरे के खिलाफ मुंबई के तलोजा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर घटना के छह महीने बाद दर्ज कराई गई थी. लड़की का आरोप था कि पांच जून, 2019 को पारिवारिक समारोह में डीआईजी ने उसके चेहरे पर केक लगाने के बाद दुर्व्यवहार किया गया था.
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