आज यानी 18 जून 2021 को मिल्खा सिंह ने इस दुनिया को अलविदा बोल दिया। मिल्खा सिंह ने विश्व में भारत का नाम ऊंचा किया है। मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवंबर 1929 को हुआ था। इन्होने भारत के लिए कई रेस में भाग लिया और अधिकतर रेस में जीत दर्ज की।
अपने करियर के दौरान उन्होंने करीब 75 रेस जीती। वह 1960 ओलंपिक में 400 मीटर की रेस में चौथे नंबर पर रहे। उन्हें 45.73 सेकेंड का वक्त लगा, जो 40 साल तक नेशनल रिकॉर्ड रहा। मिल्खा सिंह को बेहतर प्रदर्शन के लिए 1959 में पद्म अवार्ड से सम्मानित किया गया है, और 2001 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड भी दिया गया, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मिल्खा कॉमनवेल्थ गेम्स में एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी थे, लेकिन बाद में कृष्णा पूनिया ने 2010 में डिस्कस थ्रो में स्वर्ण पदक हासिल किया था। इसके साथ ही उन्होंने 1958 और 1962 एशियन गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीते थे। मिल्खा कई इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।भारत-पाकिस्तान के विभाजन के दौरान उनके माता-पिता, भाई और दो बहनों की मौत हो गई थी। आजादी के भारत आने के बाद वो अपनी बहन के साथ रहते थे। एक बार उन्हें टिकट बिना यात्रा करने पर जेल में भी डाल दिया गया था। बता दें कि बीते वर्ष मिल्खा सिंह की डेथ के पहले खबर आई थी कि वह कोरोना से संक्रमित है। जिसकी वजह से उन्होंने दुनिया को अलविदा बोल दिया।
चोटों से रहा है शेन वॉटसन का पुराना नाता
Ind Vs SA: आज हारी, तो हाथ से गई सीरीज.., टीम इंडिया के लिए आज 'करो या मरो' का मुकाबला