आय छुपाने के लिए ITR में बदलाव पर हो सकती है जेल
आय छुपाने के लिए  ITR में बदलाव पर हो सकती है जेल
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नई दिल्ली : नोटबन्दी के बाद जो आयकरदाता अपनी वास्तविक आय छुपाने के लिए अपने आयकर रिटर्न में बदलाव कि सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी ) ने बुधवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि विभाग उन लोगों के रि‍टर्न को जांचने की तैयारी कर रहा है, जि‍नमें नोटबंदी के बाद फेरबदल दिखाई देगा.

आयकर विभाग ने खुलासा किया है कि करदाता की पहले यदि आय और बाकीधन कम था , लेकिन अब अगर आईटीआर में वह अचानक से बढ़ी पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.सीबीडीटी का कहना है कि भारी बदलाव वाले इनकम टैक्‍स रि‍टर्न की पूरी जांच की जाएगी. आय , हाथ में नकद या लाभ में अगर कोई बड़ा बदलाव दिखाई दिया तो उसकी गहराई से जांच की जाएगी.गड़बड़ी पाई गई तो जुर्माना और बड़ी गड़बड़ी पाई जाने पर करदाता को जेल भी जाना पड़ सकता है.

बता दें कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 139(5) के तहत कोई भी व्‍यक्ति अपने रिटर्न में संशोधन कर सकता है.यह छूट उनके लिए है जिन्‍होंने धारा 139 (1) के तहत रिटर्न फाइल किया है या धारा 142 (1) के तहत नोटिस के जवाब में रिटर्न में संशोधन किया है.सरकार को अंदेशा है कि 8 नंवबर 2016 के बाद से कुछ लोगों ने आईटीआर में मिली इस छूट का दुरुपयोग किया है. इसमें पिछले कराधान वर्ष के रिटर्न में संशोधन आय , नकद और अन्‍य लाभ के आंकड़ों में फेरबदल करने की आशंका है.लोग इस छूट का इस्‍तेमाल अपने काले धन को सफ़ेद करने में कर सकते हैं. इसीलिए यह चेतावनी जारी की गई है.

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