आज मंगल प्रदोष व्रत है. ऐसे में कहते हैं यह व्रत हिंदु तिथि के अनुसार तेरहवें दिन यानी त्रयोदशी को होता है जो आज है. आइए जानते हैं इसकी पूजा विधि.
पूजन सामग्री :- ∗ धूप
∗ दीप
∗ घी
∗ सफेद पुष्प
∗ सफेद फूलों की माला
∗ आंकड़े का फूल
∗ सफेद मिठाइयां
∗ सफेद चंदन
∗ सफेद वस्त्र
∗ जल से भरा हुआ कलश
∗ कपूर
∗ आरती के लिये थाली
∗ बेल-पत्र
∗ धतुरा
∗ भांग
∗ हवन सामग्री
∗ आम की लकड़ी
मंगल प्रदोष व्रत की विधि - इसके लिए पूरे दिन मन ही मन “ऊँ नम: शिवाय ” का जप करें और पूरे दिन निराहार रहें. वहीं इस दिन प्रदोष काल में यानी सुर्यास्त से तीन घड़ी पूर्व, शिव जी का पूजन करना चाहिये और प्रदोष व्रत की पूजा शाम 4:30 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे के बीच की जाती है. इस दिन व्रती को चाहिये की शाम को दुबारा स्नान कर स्वच्छ श्वेत वस्त्र धारण कर लें और पूजा स्थल अथवा पूजा गृह को शुद्ध कर लें. अब व्रती चाहे तो शिव मंदिर में भी जा कर पूजा कर सकते हैं और पांच रंगों से रंगोली बनाकर मंडप तैयार करें. अब पूजन की सभी सामग्री एकत्रित कर लें और कलश अथवा लोटे में शुद्ध जल भर लें. अब इसके बाद कुश के आसन पर बैठ कर शिव जी की पूजा विधि-विधान से करें और “ऊँ नम: शिवाय ” कहते हुए शिव जी को जल अर्पित करें. अब इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर शिव जी का ध्यान करें.
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