बलात्कारी की रिहाई के बाद भी उस पर निगरानी रखी जाए
बलात्कारी की रिहाई के बाद भी उस पर निगरानी रखी जाए
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नई दिल्ली : दिल्ली में 16 दिसंबर के नृशंस सामूहिक बलात्कार कांड के दोषी ठहराए गए किशोर की रिहाई से उत्पन्न हुए विवाद के बीच महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने यौन अपराध के दोषियों को छोड़े जाने के बाद पुलिस की निगरानी की हिमायत की गई। मेनका गांधी ने विधि मंत्री को लिखे गए पत्र में यह भी कहा कि दोषियों की रिहाई के बाद गतिविधियों पर ध्यान रखा जा रहा है या नहीं यह तय किया जाना जरूरी है। इसके लिए कानून लागू किया जाना बेहद जरूरी है।

केंद्रीयमंत्री मेनका गांधी ने कहा कि इस तरह के अपराधों के मसले पर जब आरोपी को दोषी दर्शा दिया जाता है तो न्यायालय के आदेश में पुलिस थाने में आरोपी के अनिवार्य पंजीयन के प्रावधान को सम्मिलित किया गया। पुलिस को भी अपराधियों की गतिविधियों पर नज़र रखने और अदालतों द्वारा विभिन्न तरह की पहल से प्रभावी प्रबंधन तय करने की पुरजोर वकालत उन्होंने की।

उनका कहना था कि यौन अपराधियों की निगरानी भी तय करनी होगी और भविष्य में अपराध कम करने की बात कही गई है। महिलाओं और बच्चों में सुरक्षा की भावना को विकसित करने के लिए उन्होंने इस तरह के कदमों को उठाए जाने को जरूरी बताया। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि बलात्कार जैसे अपराधों के दोषियों को लेकर स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को नियमित तौर पर ब्यौरा उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया जाना जरूरी है।

उनका कहना था कि निगरानी की अवधि को लेकर न्यायालयों में फैसला किया जा सकता है। वे अपराध की गंभीरता  व अपराधी के आधार पर इसे तय कर सकते हैं। केंद्रीयमंत्री मेनका गांधी ने दूसरे देशों का हवाला देते हुए कहा कि भारत में ऐसे कानून लागू करने की जरूरत है जो दूसरे देशों की तरह इन बातों पर नज़र रख सकें। भारत में किसी तरह का कानून नहीं है। हालांकि ऐसे कानूनों को भारत में लागू करने में कुछ समय लग सकता है। 

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