बेटे की सलामती के लिए मासूम की चढाई बलि
बेटे की सलामती के लिए मासूम की चढाई बलि
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पश्चिम चंपारण : एक तरफ तो हम डिजिटल दुनिया में कदम रखने जा रहे है तो दूसरी तरफ विश्व आज भी अंधविश्वास और रूढ़ियों से जकड़ा हुआ है. ऐसा ही एक मामला नवलपरासी जिले में देखने को मिला है जहा एक व्यक्ति ने पुत्र मोह में एक मासूम को मौत का ग्रास बना दिया.जिले के मरिचहवा गांव में एक पिता ने तांत्रिक के कहने पर बच्चे की बलि चढ़ा दी.

4 लोग पुलिस की हिरासत में 
इस घटना के सम्बन्ध में पुलिस ने चार लोगो को हिरासत में लेकर नवलपरासी जेल भेज दिया है. पुलिस को घटना में प्रयुक्त हथियार, खून से लथपथ कपड़े व बच्चे का सड़ा-गला शव मिला है. जहा दुनिया चाँद पर जीवन खोजने में जुटी है वही इस तरह की घटनाए आश्चर्य में डाल देती है.

तांत्रिक के कहने पर मासूम का किया अंत 
नवलपरासी के एसपी नल प्रसाद उपाध्याय के अनुसार, कुडिय़ा गांव विकास समिति वार्ड चार के मरिचहवा निवासी कोदई राम का 14 वर्षीय पुत्र विजय राम का काफी समय से स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था. वह बेटे के इलाज के लिए एक तांत्रिक से मिला. तांत्रिक ने कहा कि यदि किसी बच्चे की बलि देगा तो उसके पुत्र की बीमारी दूर हो जायेगी.

बिस्कुट का लालच देकर किया अपहरण 
कोदई राम ने अपने मित्र सूर्यभान के सहयोग से अपने पड़ोसी शिवचरण के 10 वर्षीय पुत्र सोनू के अपहरण की घटना को अंजाम दिया. कोदई राम सोनू को बिस्कुट और 50 रूपए का लालच देकर अपने घर ले गया. बाद में भगवान की तस्वीर के समक्ष मुंह दबा कर गला काट दिया. घटना को अंजाम देने में तांत्रिक गंगा राम, कोदई के दामाद रूदल व मित्र सूर्यभान ने सहायता की. गन्ना काटने वाले तेज हथियार से कोदई राम ने बच्चे का गला काट दिया और उसके खून से देवी-देवताओं को तिलक कर पूजा अर्चना की.

सोनू के गायब होने का मामला पुलिस के समक्ष दर्ज करवाया गया. पुलिस जांच के दौरान पड़ोसी ने बताया कि कुछ दिनों से कोदई के घर में तांत्रिक गंगा राम से  गुप्त अनुष्ठान कर रहा था. पुलिस ने तांत्रिक व कोदई के दामाद को अपनी गिरफत में ले लिया. इसके बाद तांत्रिक ने पुलिस को जानकारी दी कि बलि के लिए उसे 50 हजार रुपये मिले थे. बच्चे का गला कोदई राम ने रेता था. पुलिस ने कोदई राम को भी हिरासत में ले लिया है.

उससे मिली सुचना पर बच्चे का शव और कपडे बरामद कर लिए गए है. आरोपी कोदई ने कहा कि मेने अपने बेटे की सलामती के बलि चढाई थी. ईश्वर मुझसे बलि मांग रहा था. आज के डिजिटल युग में ऐसी वारदाताओ का सामने आना चिंता का विषय है. यह असंतुलित विकास का परिणाम है.

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