'मेक इन इंडिया' को केवल मौलिक सुधारो का सहारा
'मेक इन इंडिया' को केवल मौलिक सुधारो का सहारा
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भारत में निवेश को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार के द्वारा "मेक इन इंडिया" अभियान का शुभारम्भ किया गया, जिसको लेकर कई हद तक सफलता भी हासिल हुई है. और अब इस मामले में अमेरिका की भारत केंद्रित व्यापार संस्था ने यहाँ कहा है कि केवल मौलिक सुधार ही एक ऐसा आधार है जो मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे सकता है और जो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अपनी तरफ आकर्षित कर सकता है.

मामले में अलायंस फॉर फेयर ट्रेड विद इंडिया (AFTI) के द्वारा एक बयान सामने आया है जिसमे भारत-अमेरिका व्यापार नीति मच को लेकर पिछले सप्ताह आयोजित की गई बैठक पर भी निराशा जाहिर की गई है. इस दौरान यह भी कहा गया है कि व्यापार नीति मंच के साथ ही पिछले माह आयोजित की गई रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता एक जरिया बन सकती है बहुत समय से बीच भवर में फसी हुई चिन्ताओ के समाधान का.

इस मामले में सामने आये बयान में यह भी कहा गया है कि बैठक से वे निराश हुए है और साथ ही इस मौके के हाथ से चले जाने के कारण काफी हद तक निराश भी है. लेकिन इस मामले में अमेरिका से ज्यादा हानि भारत को हुई है. बयान में साफ तौर पर मौलिक सुधारों पर ही जोर दिया गया है.

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