नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू किये गए "मेक इन इंडिया" अभियान को लेकर भारत में एक ख़ुशी की लहर देखने को मिली है. और इस अभियान के तहत ही अब एक और बदलाव होता नजर आ रहा है. जी हाँ, दिवाली का त्यौहार दिन-ब-दिन नजदीक आता जा रहा है और इसको देखते हुए ही पटाखो के सामने आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इस मामले में ही यह बात भी सामने आ रही है कि चीन से भारत में गलत तरीकों से आयात किये जा रहे पटाखों का विरोध भी शुरू हो गया है.
इस दौरान पटाखा निर्माताओं ने देश में बनाये जाने वाले पटाखों को लेकर अपना पक्ष रखा है. इस दौरान तमिलनाडु फायरक्रेकर्स एंड एमोर्सिस मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन का यह कहना है कि देश में जितने पटाखे बेचे जाते है उसमे से 90 फीसदी पटाखों का निर्माण तमिलनाडु में ही किया जाता है और यहाँ का पटाखा व्यवसाय भी करीब छह हजार करोड़ से अधिक का है.
प्रधानमंत्री के "मेक इन इंडिया" अभियान के तहत एसोसिएशन ने यह अपील भी की है कि लोग देश में ही बनाये जा रहे पटाखो को खरीदने का काम करें. क्योकि ऐसे करीब 5 लाख परिवार है जोकि इस पटाखा उद्योग पर निर्भर है. और बाहर से लाए जा रहे पटाखो से उद्योग पर बुरा प्रभाव देखने को मिल रहा है. यहाँ तक की चीन से जो पटाखे भारत में आ रहे है उनसे 30 फीसदी तक यहाँ का बाजार प्रभावित होता है.