पुरस्कार लौटाना या रखना साहित्यकारों की निजी राय : महेश शर्मा
पुरस्कार लौटाना या रखना साहित्यकारों की निजी राय : महेश शर्मा
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नई दिल्ली : लेखकों और साहित्यकारों द्वारा अपने शीर्ष पुरस्कार लौटाए जाने को लेकर केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि लेखकों द्वारा अपना सम्मान लौटाना सही नहीं है। यह भी कहा गया है कि साहित्यकारों का अवार्ड लौटाना बेहद गलत है। उल्लेखनीय है कि देश में दादरी हत्याकांड, कन्नड़ लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या और अन्य घटनाओं को कारण बताया जा रहा है। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर किसी तरह का खतरा पैदा नहीं किया गया है। लेखकों को अकादमी से इस्तीफा नहीं देना चाहिए। 

लेखकों को यदि कोई परेशानी है तो वे उसे प्रधानमंत्री तक पहुंचा सकते हैं। गौरतलब है कि कन्नड़ लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या के बाद कई साहित्यकारों ने अपने पुरस्कार लौटा दिए। दादरी हत्याकांड जैसी घटनाओं को लेकर भी उन्होंने विरोध जताया। इस मामले में केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने यह भी कहा कि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर किसी तरह का खतरा उत्पन्न नहीं किया गया है। लेखकों को अकादमी से इस्तीफा नहीं देना चाहिए। यदि लेखकों को परेशानी है तो वे प्रधानमंत्री को पत्र लिख सकते हैं।

अपनी बात पर विरोध होने और बवाल मचने के बाद केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने अपने बयान को बदल दिया। इस दौरान उन्होंने एक चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि लेखक पहले लिखना तो छोड़ें इसके बाद आगे की बात पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे साहित्यकारों का साम्मान करते हैं बेवजह इस मामले को मुद्दा न बनाऐं। पुरस्कार लौटाना या रखना साहित्यकारों की निजी राय है। 

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