जब खाने के लिए भी नहीं बचा पैसा, तो पैदल घर जा रहे मजदुर ने लगा ली फांसी
जब खाने के लिए भी नहीं बचा पैसा, तो पैदल घर जा रहे मजदुर ने लगा ली फांसी
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वर्धा: कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लगाए गए लॉकडाउन ने रोज कमाने खाने वाले मजदूरों को सबसे अधिक प्रभावित किया है. काम बंद होने के चलते मजदूर अपने-अपने गांव की ओर सौकड़ों किमी दूर पैदल ही निकल पड़े. कईयों की किस्मत अच्छी थी जो जैसे तैसे अपने घर पहुंच गए किन्तु कुछ ऐसे भी अभागे थे जिन्हें इस दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी. महाराष्ट्र से एक ऐसे ही मजदूर की दर्दभरी दास्ताँ सामने आई है.  

दरअसल, महाराष्ट्र के वर्धा में एक प्रवासी मजदुर ने कथित तौर पर फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली. कोरोना वायरस के चलते लागू राष्ट्रव्यापी बंद के बीच मजदुर पड़ोसी राज्य तेलंगाना के हैदराबाद से कई सौ किलोमीटर का सफर पैदल तय कर राज्य के गोंदिया जिले में घर आ रहा था. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी.  एक अधिकारी ने कहा कि अमर सिंह मडावी (45) का शव गिराड पुलिस थाना क्षेत्र में एक खेत में पेड़ से लटकता पाया गया है. 

गिलाड पुलिस थाने के सहायक निरीक्षक महेंद्र सूर्यवंशी ने कहा कि, 'अमर, गोंदिया के देवारी तालुका के छिलारी गांव का निवासी था. वह हैदराबाद में काम करता था और पैदल ही अपने घर पहुंचने का प्रयास कर रहा था. उसने एक गमछे से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.' उन्होंने आगे कहा कि, मृतक के मित्र ने बताया कि  उसके पास खाने के लिए भी पैसे नहीं बचे थे, जिससे वह काफी चिंतित था और उसने आत्महत्या कर ली.

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