महाराष्ट्र में दालों के दाम नियंत्रित करने की मशक्कत
महाराष्ट्र में दालों के दाम नियंत्रित करने की मशक्कत
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दालों में आग झरती तेजी को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार अब दालों का को अधिकतम खुदरा मूल्य यानी एमआरपी पर बेचने के लिए कानूनी मसौदा तैयार करने जा रही है जिसमें तय से अधिक मूल्य लेने पर दुकानदार को जेल भेजने का प्रावधान किया गया है. मंगलवार को हुई राज्य की कैबिनेट में कानूनी मसौदे को मंजूरी दी गई. इसे अब राष्ट्रपति के पास भेजा गया है. जहाँ से स्वीकृति मिलने पर महाराष्ट्र में दाल व्यापारियों पर नए प्रतिबन्ध लागू हो जाएँगे. अब सरकार दालों की एमआरपी तय करेगी .

महाराष्ट्र के खाद्य मंत्री गिरीश बापट ने मुम्बई में पत्रकारों को बताया कि उत्पादन मूल्य,यातायात और व्यापारियों के लाभ को जोडकर दाम तय किए जाएँगे. यह दाम खुली और ब्रांडेड दोनों दालों पर लागू होंगे. निर्धारित कीमत से ज्यादा पैसे लेने पर दुकानदारों को 3 माह से एक साल तक की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है.ऐसी व्यवस्था किसी अन्य राज्य में नहीं है. 

भारत विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक, आयातक और ग्राहक देश है.लेकिन पिछले दो मानसून से दालों की फसल खराब होने से आपूर्ति में 90 लाख टन की कमी का अंदेशा है.इसी कमी का लाभ लेने के लिए दालों के दाम उछालने का आरोप व्यापारियों पर लग रहा है. जबकि इंडियन पल्सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विमल कोठारी ने बताया कि मांग और आपूर्ति में संतुलन गडबडाने से गणित बिगड़ा है. इसके लिए व्यापारी दोषी नहीं है. 90 लाख टन दाल  की जमाखोरी करना नामुमकिन है.

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