7 माह की प्रेगनेंसी के बाद भी 'कोरोना मरीजों' की सेवा करती रही ये महिला डॉक्टर, बलिदान देकर हुईं 'अमर'
7 माह की प्रेगनेंसी के बाद भी 'कोरोना मरीजों' की सेवा करती रही ये महिला डॉक्टर, बलिदान देकर हुईं 'अमर'
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अमरावती: कोरोना वायरस महामारी के संकटकाल में आपको दुखी करने वाली जो घटनाएं सामने आई है, उन्हीं में से एक डॉ. प्रतीक्षा की मौत भी है । 32 साल की डॉ. प्रतीक्षा वाल्देकर (MBBS,MD) सात माह की प्रेग्नेंसी में भी अमरावती के इरविन हॉस्पिटल में दिन रात मरीजों  की सेवा में लगी हुईं थीं। वे इस हॉस्पिटल के पैथोलॉजी विभाग मे तैनात थीं। 

बीते दिनों प्रतीक्षा अस्पताल में मरीजों की सेवा करते हुए कोरोना वायरस की चपेट में आ गईं। उनका प्रारंभिक उपचार इस अस्पताल में किया गया और सेहत बिगड़ने पर उन्हें नागपुर शिफ्ट किया गया। बीते 10 दिनों से उनकी सेहत नाजुक थी जिसके कारण उन्हें ऑक्सीजन भी लगाना पड़ा। इलाज के दौरान पांच दिन पहले प्रतीक्षा के बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई। 20 तारीख की रात को प्रतीक्षा ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

प्रतीक्षा ने नागपुर से ही अपनी शिक्षा पूरी की थी। प्रतीक्षा की मौत से स्वास्थ्य विभाग में हंगामा मच गया। एक ट्विटर यूज़र ने जब प्रतीक्षा की मौत से संबंधित खबर अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से साझा की तो लोगों ने उसकी मौत के लिए अमरावती के उस अस्पताल को जिम्मेदार ठहराया जहां वे सात माह की प्रेग्नेंसी के दौरान भी काम कर रहीं थीं।

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