मुंबई: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने कुछ दिनों पहले ही राज्य में शक्ति कानून को मंजूरी दे दी है। ऐसे में आज शक्ति कानून को विधानसभा के शीत कालीन सत्र में पेश किया जाने वाला है। विधानमंडल के दोनों सदनों में पारित होने के बाद इस विधेयक को केंद्र सरकार के पास भेजने का प्लान है। जैसे ही केंद्र से मंजूरी मिलेगी वैसे ही ये कानून राज्य में लागू कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि इस बिल के अंतर्गत महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों पर कठिन सजा का प्रावधान है।
महाराष्ट्र विधानसभा का 14 और 15 दिसंबर को शीतकालीन सत्र है और इसी दौरान ये बिल विधानमंडल में पेश किया जाने वाला है। इस समय मंत्रिमंडल से बिल को मंजूरी मिलने के बाद कई एक्टिविस्ट, वकील, सामाजिक और महिला संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि इन संगठनों का कहना है यह गलत कानून है और महिला विरोधी सोच रखने वाला है। जी दरअसल शक्ति कानून एक्ट में यौन अपराधियों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास और भारी जुर्माना सहित कड़ी सजा और मुकदमे की त्वरित सुनवाई होगी।
इस कानून को राज्य में लागू करने के लिए विधेयक के मसौदे में भारतीय दंड संहिता, सीआरपीसी और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं में संशोधन करने का प्रस्ताव है। पिछले बुधवार को गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंत्रिमंडल ने एक बैठक में विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी है और इसे आज शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य विधानसभा में पेश किया जाने वाला है।
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