महंत नरेंद्र गिरी ने एक ही दिन पहले मंगवाई थी वह 'रस्सी', जिसपर लटका मिला उनका शव
महंत नरेंद्र गिरी ने एक ही दिन पहले मंगवाई थी वह 'रस्सी', जिसपर लटका मिला उनका शव
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प्रयागराज: अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरी की रहस्यमयी हालत में मौत के मामले में एक और हैरान करने वाली बात सामने आई है। पता चला है कि जिस रस्सी से बने फंदे पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष का शव लटकता पाया गया, वह रस्सी उन्होंने एक दिन पहले ही अपने सेवकों से मंगवाई थी। पूछने पर कहा था कि कपड़े सुखाने के लिए उन्हें इसकी आवश्यक है। फिलहाल फॉरेंसिक टीम ने इस रस्सी को भी जब्त कर लिया है। बता दें कि अखाड़ा परिषद प्रमुख महंत नरेंद्र गिरी का शव पंखे में फंसाए गए फंदे पर लटका हुआ पाया गया था। पंखे के ठीक नीचे ड्रावर बॉक्स भी गिरा पड़ा था। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस रस्सी से फंदा तैयार किया गया था, वह रस्सी एक दिन पहले ही महंत ने अपने सेवकों से मंगवाई थी। इस बात का खुलासा खुद महंत के शिष्यों ने पूछताछ के दौरान किया है। शिष्यों ने यह भी बताया है कि पास की ही दुकान से यह रस्सी खरीदी गई थी। जिसके बाद फॉरेंसिक टीम ने रस्सी को कब्जे में ले लिया है।

इसके साथ ही रस्सी पर मौजूद अंगुलियों के निशान के सैंपल भी ले लिए गए हैं। इसके साथ ही सुसाइड नोट व कमरे में रखी ग्लास व अन्य सामान से भी फिंगर प्रिंट के सैंपल एकत्र किए। सूत्रों का कहना है कि फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट से स्पष्ट होगा कि कमरे में रखे सामान पर मिले फिंगरप्रिंट किसके हैं और तब ही पूरी कहानी साफ़ हो सकेगी। वहीं, IG केपी सिंह का कहना है कि ऐसे मामलों में एक अहम बात यह भी है कि पहली कोशिश होती है कि शायद अस्पताल ले जाने पर संबंधित व्यक्ति को बचाया जा सके। यही कारण था कि शिष्यों ने शव को फंदे से नीच उतारा। फिर भी फॉरेंसिक टीम ने सैंपल एकत्र किए हैं। मामले की जांच पूरी गंभीरता से की जा रही है। बता दें कि पुलिस भले ही वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर छानबीन को आगे बढ़ाने की बात कर रही हो, मगर मामले में उसकी तरफ से अपनाई गई कार्यप्रणाली से उसके दावे भी सवालों के दायरे में है। विशेषज्ञों का कहना है कि संदिग्ध हालत में मौत के मामलों में सबसे आवश्यक बात यह है कि घटनास्थल को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाए।  जब तक फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर न पहुंचे, क्राइम सीन पर मौजूद किसी भी चीज को, यहां तक कि मृत शरीर को भी हाथ नहीं लगाया जाना चाहिए। हालांकि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष का मामला होने के बाद भी पुलिस ने इन बातों का ध्यान नहीं रखा। पुलिस के पहुंचने से पहले ही अध्यक्ष के कई शिष्य व अन्य पदाधिकारी मौके पर पहुंच चुके थे। इतना ही नहीं शिष्यों और पदाधिकारियों ने सुसाइड नोट सहित अन्य चीजों को भी हाथ लगाया। 

ऐसे में मौके से जुटाए गए सैम्पल्स की जांच की प्रमाणिकता भी काफी विश्वसनीय होंगे, इसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। IG केपी सिंह ने कहा है कि, प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। शिष्यों की सूचना पर मैं अन्य पुलिस अफसरों संग मौके पर पहुंचा, तब तक शव नीचे उतारा जा चुका था। मौके से सुसाइड नोट बरामद हुआ है। उसकी फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी।

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